शिया महाविद्यालय ने इन गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट्स को किया सम्मानित 

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लखनऊ. शिया महाविद्यालय में लखनऊ विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्रों के सम्मान में ‘के-हाॅल’ में सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आलोक माथुर व न्यायमूर्ति करूणेश सिंह और विशिष्ट अतिथि डाॅ.राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.बलराज चौहान शामिल हुए।

न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने अपने सम्बोधन की शुरूआत चुटीले अंदाज में करते हुए कहा कि इतना शानदार महाविद्यालय और उसके प्रो.बलराज चौन व न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार जैसे विद्यार्थियों को देखकर मन करता है कि मैं भी लखनऊ में पढ़ा होता तो निष्चित रूप से षिया महाविद्यालय का ही विद्यार्थी होता।

उन्होंने कहा वैसे तो मेरा काम बोलना नही सुनना है, लेकिन युवा विद्यार्थियों के बीच आकर मुझे बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि मैं अपने जीवन के अनुभव से बता सकता हूँ कि जीवन में वही छात्र उन्नति करता है जो अपने विद्यार्थी जीवन में ही वरिष्ठ अधिवक्ताओं के चैम्बर में बैठकर ड्राफ्टिंग आदि करने लगे।

न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार ने कहा कि मैं अपने परिवार में पन्द्रह डाॅक्टर्स में अकेला सदस्य था, जो वकालत कर रहा था। मेरे ऊपर तमाम तरीके से दबाव डाला गया कि बहुत साल लग जायेंगे, वकालत से कुछ हासिल नही कर पाओगे।

प्रो.बलराज चौहान ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उस महाविद्यालय में विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपना वक्तव्य रख रहा हूँ, जहाँ मैने पढ़ाई की। मैं अपनी जिंदगी में जो कुछ कर सका, उसका श्रेय शिया पीजी कालेज, लखनऊ को जाता है।

उन्होंने छात्रों विशेषकर विधि के छात्रो को सफलता के कई मन्त्र बताए और कहा कि जो व्यक्ति सृजनषीलता के आधार पर सोचने की विलक्षण क्षमता रखता है वही कानून बनाने की काबिलियत भी पैदा कर पाता है।

अध्यक्षीय भाषण में मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि ये हमारे लिए बड़ी खुशी का पल है कि इतनी बड़ी हस्तियां हमारे कालेज के मेधावियों को सम्मानित करने के लिए महाविद्यालय परिसर में आईं। हम उनको भरोसा दिलाते हैं कि शिया पी जी कालेज, विद्यार्थियों की प्रगति के लिए लगातार अपने प्रयास जारी रखेगा और आधुनिक सुविधाएं विकसित करता रहेगा।

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संचालन कर रहे प्रो.एसएम हसनैन ने कहा कि महाविद्यालय में खूब तरक्की हुई है और छात्र/छात्राओं के लिए सुविधाएं विकसित की है। उन्होने यह यह भी कहा कि इन्ही सुविधाओं के बल पर शिया महाविद्यालय को नैक से ‘ए’ ग्रेड मिला है।

कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों इफ्फत खान, कनीज़ फ़ातिमा, सै.रबाब़ ब़ानो, बशारत फ़ातिमा, समरीन खान, सनाविया फ़रीद, दिव्या हरिहरन, इतरत जहाँ को सम्मानित किया गया।

इसके साथ संविधान दिवस पर आयोजित भाषण  प्रतियोगिता में पुरस्कार पाने वाली सपना सिंह व ताहिर हुसैन तथा निबन्ध प्रतियोगिता में पुरस्कार पाने वाले हिरा मलिक, अली हासमी, ऋषि व शशांक मिश्रा तथा जी-20 की पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने वाले छात्र अभिषेक शर्मा और

महाविद्यालय के अन्दर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में जिन विद्यार्थियों ने पुरस्कार जीते व विभिन्न महाविद्यालय में जाकर पुरस्कार जीतने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के प्रबन्धक सै.अब्बास मुर्तज़ा ने सम्मान समारोह में आए हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस सम्मान समारोह में ज्वाइंट सेक्रेटरी बोर्ड शकील अब्बास, बोर्ड के सदस्य डाॅ.सरवत़ तकी़, डाॅ.एमएम एजाज़ अब्बास, डाॅ.एमएम अबु तैय्यब, डाॅ.प्रदीप शर्मा, प्रो.टीएस नक़वी, प्रो.जमाल हैदर जै़दी, प्रो.सरताज़ शब्बर रिज़वी, डाॅ.सै.सादिक हुसैन आब्दी, डाॅ.मोहसिन रज़ा,

चीफ प्राक्टर प्रो.मेंहदी अब्बास जै़दी, प्रो.ज़र्रीन ज़ेहरा रिज़वी, डाॅ.अजयवीर, डाॅ.एजाज़ हुसैन, डाॅ.कमलजीत मणी मिश्रा, डाॅ.छत्रपाल, डाॅ.धर्मेन्द्र कुमार, डाॅ.वहीद आलम, डाॅ.नुज़हत हुसैन, डाॅ.नूरी जै़दी व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित भारी संख्या में छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।

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