लखनऊ : एसकेडी एकेडमी के मार्गदर्शन और परामर्श प्रकोष्ठ ने वृंदावन योजना परिसर में “पोषण करने वालों का पोषण: शिक्षकों के लिए एक स्व-देखभाल कार्यशाला” का सफल आयोजन किया।
यह सत्र शिक्षकों को आवश्यक आत्म-देखभाल रणनीतियों से सुसज्जित करने के लिए तैयार किया गया, जिससे विद्यार्थियों को और अधिक प्रभावी रूप से शिक्षित कर सकें।
इस कार्यक्रम में एसकेडी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के निदेशक- मनीष सिंह, एसकेडी एकेडमी की उपनिदेशिका- निशा सिंह, तथा उपनिदेशिका (शैक्षणिक)- डॉ. कुसुम बत्रा की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने इस पहल के महत्व को रेखांकित किया।
कार्यशाला का संचालन आरसीआई-लाइसेंस प्राप्त पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. नेहर्षी श्रीवास्तव द्वारा किया गया। उन्होंने तनाव प्रबंधन, भावनात्मक सुदृढ़ता और माइंडफुलनेस तकनीकों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। डॉ. श्रीवास्तव के सत्र ने शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया और उन्हें तनाव प्रबंधन एवं मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाए रखने के लिए व्यावहारिक उपकरण उपलब्ध कराए।
इस कार्यक्रम का समन्वयन श्रेया (परामर्शदाता एवं पीजीटी साइकोलॉजी, एसकेडी एकेडमी, वृंदावन शाखा) ने किया, जिन्होंने सहभागियों के लिए इंटरैक्टिव चर्चाओं और रोचक गतिविधियों को सुनिश्चित किया, जिससे यह कार्यशाला एक समृद्ध अनुभव बन सकी।
इस कार्यशाला ने शिक्षण पेशे में आत्म-देखभाल की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया और शिक्षकों को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया।
यह कार्यक्रम आत्म-चिंतन, पुनर्जीवन, और प्रभावी आत्म-देखभाल रणनीतियों के विकास के लिए एक मंच प्रदान करने में सफल रहा, जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक संतुष्टि को बढ़ावा मिला।
कार्यशाला का समापन एक सकारात्मक नोट पर हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने व्यावहारिक सुझावों और मूल्यवान सीख के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त किया। एसकेडी एकेडमी भविष्य में भी अपने शिक्षकों के लिए इस तरह के सार्थक और प्रेरणादायक आयोजनों के प्रति प्रतिबद्ध है।