देश में राष्ट्रव्यापी स्तर पर परमाणु ऊर्जा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने एवं इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी (आईएनएस), मुंबई द्वारा, लखनऊ में सेंट्रल ड्रग्स रिसर्च इंस्टीट्यूट में वहाँ के वैज्ञानिकों के लिए पहली बार एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आईएनएस के अध्यक्ष एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), मुंबई से सेवानिवृत देश के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एवं आईआईटी, मुंबई से सम्बद्ध डॉ (प्रो.) डॉ.बीएन जगताप ने भारत में आत्मनिर्भर तरीके से न्यूक्लियर साइन्स एवं टेक्नालजी के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि के बारे में वैज्ञानिकों को अवगत करवाया।
सीडीआरआई में परमाणु ऊर्जा जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम
इसके अलावा उन्होने ये भी बताया कि किस तरह से आईएनएस देश भर में लोगों को परमाणु ऊर्जा के महत्वपूर्ण आयामों के बारे में बताने एवं लोगों को इसके बारे में जागरूक एवं शिक्षित करने के उद्देश्य से इसी प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल), मुंबई के निदेशक (टेक्निकल) वी राजेश ने कहा कि “परमाणु ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है और इसमे अपार संभावनाएँ हैं। इस से स्वच्छ, हरित, सुरक्षित एवं किफ़ायती तरीके से बिजली का उत्पादन करके कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सकता है।
इस मौके पर बीएआरसी, भारत सरकार के पूर्व अति विशिष्ट वैज्ञानिक डॉ रामा राव ने लोगों के साथ चर्चा करते हुए न्यूक्लियर साइन्स एवं टेक्नालजी एवं खास तौर पर रेडियेशन से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों जैसे एग्रीकल्चर, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन एवं खाद्यान प्रसंस्करण में इसकी उपयोगिता के बारे में चर्चा की।
इसके अलावा उन्होने भविष्य में परमाणु ऊर्जा द्वारा लोगों के जीवन स्तर को और भी अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा किए जा रहे नए-नए अनुसन्धानों के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एन पी सी आई एल) महाप्रबंधक (सी एम एम) के यू अग्रवाल एवं उप-महाप्रबंधक (मीडिया), अमृतेश श्रीवास्तव, ने सभी वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में आज विभिन्न स्थानों पर 24 न्यूक्लियर पावर प्लांट्स कार्यरत हैं।
इनसे 8180 मेगावाट क्षमता पर शुद्ध, हरित, सुरक्षित एवं किफ़ायती तरीके से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है और भविष्य में और भी अधिक परमाणु रिएक्टरों के लगने से भारत में स्वच्छ और हरित तरीके से बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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इस मौके पर परमाणु बिजली घर की उपलब्धि पर अमृतेश श्रीवास्तव द्वारा बनाई गयी एक डाक्यूमेंट्री फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया जिसके द्वारा एक परमाणु बिजली घर में बिजली बनने की पूरी प्रक्रिया को द्वारा दर्शाया गया है। वहाँ उपस्थित लोगों द्वारा इस फ़िल्म को काफी सराहना मिली।
कार्यक्रम का संचालन पंकज प्रसून ने किया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा पर लिखी गई अपनी किताब” परमाणु की छांव में ” डॉक्टर जगताप को भेंट की।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन सीडीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन यादव ने किया। स्टाफ क्लब के सेक्रेटरी अरविंद कुमार ने सबका स्वागत किया।
इस अवसर पर लगभग 400 वैज्ञानिकों एवं अन्य अतिथियों ने मुंबई से आए हुए परमाणु वैज्ञानिकों से परमाणु ऊर्जा की उपयोगिता एवं भविष्य में इसके योगदान पर जानकारी हासिल की।
कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए संस्थान के निदेशक ने मुंबई से आए सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस तरीके के आयोजन को सीडीआरआई में करने हेतु धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अमृतेश श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म का प्रदर्शन किया गया जिसके माध्यम से परमाणु बिजली घर की सैर कराई गई। इस फिल्म को काफी सराहना मिली।
कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात व्यंग्यकार पंकज प्रसून द्वारा किया गया जिन्होंने अपने चुटीले अंदाज़ में परमाणु ऊर्जा की तारीफ कविता के माध्यम से की। कार्यक्रम की समाप्ती पर आई एन एस की तरफ से ओ पी राय ने संस्थान को सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।