रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवानो का दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन शुक्रवार देर रात खत्म हो गया.
वही इस मामले में एक बड़े डेवलपमेंट के तहत केन्द्र सरकार ने डब्लूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर को शनिवार देर शाम निलंबित कर दिया. युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर तोमर के निलंबन की पुष्टि की। रिपोर्ट के अनुसार विनोद तोमर ने बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया जो उनके खिलाफ गया.
दरअसल तोमर बोले थे कि फेडरेशन के अधिकतर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते। इसके बाद केन्द्र सरकार ने उनपर एक्शन लिया है. जानकारी के अनुसार विनोद तोमर डब्ल्यूएफआई में सहायक सचिव के रूप में 29 अक्टूबर को 2002 को नियुक्त किये गए थे.
खेल मंत्रालय ने विनोद तोमर की भूमिका सहित डब्ल्यूएफआई के कामकाज के बारे में रिपोर्टों पर ध्यान दिया. इन रिपोर्ट में मंत्रालय ने पाया कि विनोद तोमर की मौजूदगी अनुशासन के लिए हानिकारक होगी. खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड 2011 (अनुबंध-IX) के प्रावधानों के मुताबिक सहायक सचिव विनोद तोमर को तुरंत निलंबित करने का फैसला लिया. इसी के साथ सरकार ने डब्ल्यूएफआई के सभी क्रियाकलापों पर रोक लगा दी.
शुक्रवार देर रात पहलवानों ने समाप्त किया था धरना
इससे एक दिन पहले यानि शुक्रवार 20 जनवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ से दूर कर दिया. पहलवानों ने सरकार से शिकायतों के समाधान के आश्वासन के बाद शुक्रवार 20 जनवरी की देर रात अपना धरना समाप्त कर दिया. सरकार ने साफ कर दिया है कि पूरे मामले की जांच क बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग रहना होगा.
रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दूसरे दौर की वार्ता में गतिरोध दूर होने पर विनेश फोगाट, बंजरग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित अन्य पहलवानों ने अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
रिपोर्ट के अनुसार खेल मंत्री ने बताया कि एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया गया है, जिसके सदस्यों के नामों की घोषणा शनिवार 21 जनवरी को की जाएगी. समिति चार हफ्ते में जांच पूरी करेगी. वह डब्ल्यूएफआई और इसके अध्यक्ष के खिलाफ वित्तीय या यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों की गंभीरता से जांच करेगी.
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जांच पूरी होने तक बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ से अलग रहेंगे और जांच में सहयोग करेंगे, जबकि डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के काम को निगरानी समिति देखेगी.
दूसरी ओर भारतीय ओलंपिक संघ ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला किया है. इस कमेटी के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं को जगह मिली है.