सफदर की याद में नुक्कड़ नाटक, फिर स्मृति सभा भी

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लखनऊ। कला-संस्कृति व सामाजिक सरोकारों को समर्पित समूह अमुक आर्टिस्ट ग्रुप की ओर से संस्कृतिकर्मी सफदर हाश्मी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन सवारी माल डिब्बा कारखाना आलमबाग में हुआ।

इस अवसर पर अमुक ग्रुप के नाट्यकर्मियों ने नुक्कड़ नाटक ‘और करो तुम जय-जयकार’ की प्रभावी प्रस्तुति की। नाटक में कलाकारों ने मौजूदा ससंद व्यवस्था, शासन-तंत्र, सामाजिक अव्यवस्थाओं व कुरीतियों को दिखाया गया। नाट्य प्रस्तुति वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल मिश्रा गुरू जी के लेखन निर्देशन में हुई।

नाटक में इश्तिा वाष्र्णेय, रामचरन, दानिश, अर्चना जैन, कंवलजीत, गिरिराज किशोर, अरविंद कुमार सिंह, अभिषेक पाल ने अभिनय किया है। संगीत निर्देशन संतोष विश्वकर्मा का रहा। कार्यक्रम उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन की ओर से कारखाना परिसर में बुधवार को हुआ।

अमुक आर्टिस्ट ग्रुप की ओर से हुई नाट्य प्रस्तुति

यूनियन के शाखामंत्री अरविंद सिंह, सहायक शाखा मंत्री दिनेश चंद्र ने सफदर के चित्र पर माल्यर्पण कर नमन किया। उत्तर रेलवे के पूर्व कर्मी अनिल किशोर शुक्ल ने कहा कि नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद थे। वह आखिरी दम तक समाज को समर्पित रहे।

भातखंडे के पुरातन छात्र व अखबारकर्मी मनोज कुमार मिश्र ने ‘जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा…’ सुनाकर जोश भरा। उत्तर रेलवे सांस्कृतिक संगठन के संयोजक अभिनीत जैन ने कहा कि सफदर को उनके सामाजिक योगदान के लिए हमेशा याद रखा जायेगा।

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12 अप्रैल 1954 को जन्मे सफदर हाशमी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में एमए किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद सूचना अधिकारी बने, लेकिन बाद में नौकरी से इस्तीफा देकर आम जन को समर्पित हो गए।

अनिल मिश्र गुरु जी ने बताया कि यह मौका 36वें शहादत दिवस पर नुक्कड़ नाटक का मंचन हो रहा है। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार राकेश राय, राजवीर रतन, अनूप मिश्र, रंगकर्मी धरम श्री, अभिषेक राजपूत, सेक्शन इंजीनियर जितेंद्र कुमार, रीता सहित अनेक रेलवे कर्मी व रंगकर्मी मौजूद रहे।

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