नगर निगम, जलकल और सुएज इंडिया की टीम से छात्र-छात्राओं ने किए सवाल

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लखनऊ। घरों और बड़ी फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी कहां जाता है और दूषित जल को दोबारा प्रयोग में लाने के लिए किस प्रकार से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का प्रयोग किया जाता है।

इन तमाम जानकारियों का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय वि‍श्‍वविद्यालय (बीबीएयू) के बीटेक के सिविल इंजिनियरिंग और इंवायरमेंटल साइंस के छात्र-छात्राओं को सुएज की ओर से एशिया के सबसे बड़े भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का एक शैक्षिक भ्रमण करवाया गया।

भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बीबीएयू के स्टूडेंट्स की विजिट

इस दौरान सुएज़ इंडिया के परियोजना निदेशक राजेश मठपाल ने छात्र-छात्राओं को बताया कि हमारे घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी किस तरह से नदी, तालाब में पहुंचकर दूषित कर देता है। इसको रोकने और दूषित जल को दोबारा प्रयोग में लाने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का प्रयोग किया जाता है।

इस दौरान स्टूडेंट्स ने एसटीपी किस तरह से काम करता है, इसकी संरचना कैसे होती है आदि जानकारी ली। उन्हें  शहर के सीवरेज सिस्टम की भी जानकारी दी गई।

भ्रमण के दौरान यूपी जल निगम के जीएम एसके शर्मा ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी और घर में प्रयोग किये गये जल के प्रदूषणकारी अवयवों को विशेष विधि से साफ किया जाता है। इसको साफ करने के लिए भौतिक, रासायनिक और जैविक विधि का प्रयोग किया जाता है।

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सुएज परियोजना निदेशक राजेश मठपाल ने जानकारी दी कि नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के निर्देशानुसार छात्र-छात्राओं का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। यहां आकर छात्र-छात्राओं को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सीवरेज कनेक्शन के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी ली साथ ही उन्हें उनके सवालों के जवाब भी दिए गए।

इस दौरानजीएम जल निगम एसके शर्मा, यूपी जल निगम के जीएम एसके शर्मा एवं एक्सईएन सौरभ श्रीवास्तव, रंधावा इंजीनियरिंग यूएसए के जी रंधावा, बीबीएयू के प्रो.वी दत्ता, डॉ जीवन सिंह समेत सुएज इंडिया के कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।

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