लखनऊ : सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2023) के एक अन्य उत्सव-पूर्व आयोजन के दौरान जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत छात्र-वैज्ञानिक कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में सागर पब्लिक स्कूल, गांधी नगर, भोपाल, मध्य प्रदेश के 22 विद्यार्थियों एवं दो शिक्षकों के एक समूह ने सीएसआईआर-सीडीआरआई का दौरा किया।
सीएसआईआर-सीडीआरआई मे जिज्ञासा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी, डॉ. संजीव यादव ने सभी छात्रों का स्वागत किया। उन्होने छात्रों को आईआईएसएफ 2023 के महत्व के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
डॉ. संजीव यादव ने बताया कि आईआईएसएफ, विज्ञान भारती के साथ साझेदारी में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक सहयोगी पहल है।
2023 में आईआईएसएफ के 9वें संस्करण का व्यापक विषय ‘अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक आउटरीच’ है। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. संजीव यादव ने वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए औषधि विकास में सीएसआईआर-सीडीआरआई के अग्रणी कार्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में छात्रों के लिए उपलब्ध विविध कैरियर अवसरों के बारे में जानकारी भी साझा की तथा उन्हें इस गतिशील एवं प्रभावशाली क्षेत्र में भविष्य पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। दौरे का मुख्य आकर्षण छात्रों का व्यावहारिक अनुभव था जब उन्होंने सीएसआईआर-सीडीआरआई में विभिन्न अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का दौरा किया।
एंडोक्रिनोलॉजी प्रभाग में, छात्रों ने सक्रिय रूप से वैज्ञानिको की बातों को समझा तथा बहुत से अपने प्रश्नो के उत्तर जाने। सीडीआरआई अनुसंधान मे शोध कर रहे रिसर्च स्कॉलर ने अपने शोध के बारे मे व्यख्यान दिया, उन्होने छात्रों को विभिन्न मशीनों एवं उपकरणों का प्रदर्शन किया जिसमे पीसीआर, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, टिशू कल्चर आदि जैसी विभिन्न तकनीक शामिल थी। मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजी एवं इम्यूनोलॉजी (एमएमआई) प्रभाग के दौरे ने शोध के बारे में छात्रों की समझ को और समृद्ध किया।
छात्रों को प्रयोगशाला जन्तु सुविधा देखने का मौका मिला जहां डॉ. हंसदा एवं उनकी टीम ने विभिन्न जन्तु मॉडलों का प्रदर्शन किया एवं औषधि विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट किया। इस अनुभव ने छात्रों को अनुसंधान उद्देश्यों के लिए जन्तु मॉडल का उपयोग करने में शामिल नैतिक एवं वैज्ञानिक विचारों की गहरी समझ प्रदान की।
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