मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन

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लखनऊ| विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, दंत चिकित्सा विभाग एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग (डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ) तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन

के संयुक्त तत्वावधान में शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (UHTC), उजरियाव (Ujariyaon), 1/43, विजय खंड 2, गोमती नगर, लखनऊ में सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम “Maternal and Newborn Health: Healthy Beginnings, Hopeful Futures” का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम मे शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र मे उपस्थित करीब 50 महिला लाभार्थियों को अनुभवी एवं वरिष्ठ चिकित्सको द्वारा मातृ और नवजात स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं के विषय मे अवगत कराया गया।

जिनमें सुरक्षित प्रसव, नवजात देखभाल, दंत देखभाल, परिवार नियोजन  और गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं का महत्व शामिल है। कार्यक्रम मे प्रो डॉ सी एम सिंह, निदेशक, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी सहभागिता की।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रो डॉ एस डी कंदपाल, विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने कहा कि, “ विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने की घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा वर्ष 1948 में की गयी तथा भारत मे यह दिवस वर्ष 1950 से मनाया जा रहा है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम “Maternal and Newborn Health: Healthy Beginnings, Hopeful Futures” है। इसका उद्देश्य माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बनाना और उन्हें स्वस्थ जीवन की शुरुआत देने के महत्व को उजागर करना है।

यह दिन इस बात पर जोर देता है कि स्वस्थ माताएं और नवजात शिशु भविष्य में समाज के लिए मजबूत और स्वस्थ आधार तैयार करते हैं। अतः वैश्विक स्तर पर मातृत्व और नवजात स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों पर ध्यान देना तथा उन्हें हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाना हमारी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है।“

परिवार नियोजन के बारे मे बताते हुए डॉ शिखा श्रीवास्तव, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि, “परिवार नियोजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक परिवार अपने बच्चों की संख्या, जन्म के समय और उनके बीच अंतर को नियंत्रित करने के लिए उपायों का चयन करता है।

इसका उद्देश्य परिवार के आकार को योजना बनाकर रखना, स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाना और माता-पिता को अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करना होता है ताकि परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहतर हो सके।

परिवार नियोजन के तरीके व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली तथा विशेषज्ञों की राय के आधार पर चुने जाते हैं | परिवार नियोजन करने के अनेक तरीके हैं जैसे कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, IUD (Intrauterine Device), सर्जिकल उपाय (Sterilization), इम्प्लांट्स और इंजेक्शन |”

नवजात शिशु की देखभाल के बारे मे बताते हुए डॉ दीप्ति, बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने बताया कि, “नवजात शिशु की देखभाल एक बहुत महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य है।

नवजात शिशु के पहले कुछ सप्ताह और महीने उनके विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इस दौरान विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

सबसे पहले, शिशु को स्तनपान कराना बहुत आवश्यक है। मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है, क्योंकि इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं जो शिशु को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। स्नान के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें और शिशु के शरीर को हल्के से पोंछें।

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शिशु को हमेशा अपनी पीठ के बल सुलाएं, ताकि वह सुरक्षित रहे और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) से बच सके। इसके अलावा, शिशु का टीकाकरण समय पर करना जरूरी है। समय पर दिए गए टीके शिशु को गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। “

डॉ नीतू सिंह, विभागाध्यक्ष, स्त्री रोग विभाग, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने बताया कि, “प्रसव के बाद शरीर में अनेक शारीरिक बदलाव होते हैं जैसे गर्भाशय का आकार घटना, रक्तस्राव की स्थिति, और अन्य शारीरिक बदलाव जो सामान्य होते हैं।

इन बदलावों के साथ नयी माँ को सही आहार और पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन्स, और मिनरल्स की जरूरत होती है खासकर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान।

जब  माँ  का शरीर पूर्णतः: ठीक हो जाए, तो हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए  ताकि शरीर की ताकत लौटे और वजन घटाने में मदद मिले। नयी माँ को मानसिक स्वास्थ्य कठिनाइयो से गुजरती है अतः: उसके परिवारजनों को उसका साथ देना चाहिए|”

दांतों  की सुरक्षा के बारे मे बताते हुए डॉ शैली महाजन, विभागाध्यक्ष, दंत चिकित्सा विभाग, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने बताया कि, “शिशु के दांत आमतौर पर 6 महीने के आस-पास उभरने शुरू होते हैं, लेकिन इससे पहले ही मसूड़ों की देखभाल करना आवश्यक है। शिशु के मसूड़ों को मुलायम गीले कपड़े से हलके से साफ किया जा सकता है।

मसूड़ों की मालिश भी शिशु के दांतों के विकास में सहायक हो सकती है। दांतों के आने के बाद, बहुत महत्वपूर्ण है कि हम शिशु को दांतों की ब्रशिंग की आदत डालें। शिशु के दांतों को दिन में दो बार हलके से साफ करना चाहिए।

शिशु को कभी भी दूध या अन्य तरल पदार्थों के साथ सोने नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे दांतों पर सड़न और कैविटी हो सकती है। अंत में, जब शिशु के पहले दांत आ जाते हैं, तो आपको दंत चिकित्सक से नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि किसी भी संभावित समस्या का समय पर समाधान किया जा सके।

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मुख्य अतिथि प्रो डॉ सी एम सिंह, निदेशक, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. RMLIMS), लखनऊ ने कहा कि, “मैं आपको सभी को विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। आज हम जिस विषय पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, वह है “Maternal and Newborn Health” अर्थात मातृ और नवजात शिशु स्वास्थ्य।

एक स्वस्थ समाज की नींव उस समाज की माताओं और नवजातों के स्वास्थ्य पर टिकी होती है। यदि हम अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के साथ जन्म देने का अधिकार और अवसर नहीं दे पाते, तो हम समाज की समृद्धि और खुशहाली की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा सकते।

मातृ और नवजात शिशु स्वास्थ्य केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं है। यह आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक पहलुओं से भी जुड़ा हुआ है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर गर्भवती महिला को उचित देखभाल, पोषण, और समय पर चिकित्सा सहायता मिले।

इसके साथ ही, नवजात शिशु के जन्म के बाद उसे जीवन के पहले कुछ महीनों में समुचित देखभाल मिलनी चाहिए, ताकि उसकी शारीरिक और मानसिक वृद्धि में कोई रुकावट न आए। अंत में, मैं यही कहूँगा कि मातृ और नवजात शिशु स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देना हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है। यदि हम इस दिशा में ठोस कदम उठाते हैं, तो हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज की नींव रख सकते हैं।“

इस अवसर पर डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने कहा कि, “एक स्वस्थ समाज की नींव माताओं और नवजात बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य पर आधारित होती है। जब हम मातृत्व और नवजात स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है।

यह भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक कल्याण से भी जुड़ा हुआ है। सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से हम लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकते हैं कि कैसे सही आहार, स्वच्छता, नियमित चेकअप, और बेहतर प्रसव देखभाल के माध्यम से हम माँ और नवजात के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा से इस दिशा में कार्य कर रहा है, और हमें गर्व है कि हम इस कार्यक्रम के आयोजन में भागीदार हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हर गर्भवती महिला और नवजात शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल मिल सके, ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे मे जागरूक करते हुए डॉ काकोली बोर्कोतोकि, जपाइगो संस्था ने कहा कि, “स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का रूप लेती हैं।

यह कैंसर स्तन के अंदर या उसके आस-पास के ऊतकों में शुरू हो सकता है। स्तन कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे स्तन में गांठ का महसूस होना (जो पहले से मौजूद नहीं हो), स्तन का आकार या रूप बदलना, त्वचा पर बदलाव जैसे लालिमा, सूजन या खिंचाव, निप्पल से पानी या रक्तस्राव का रिसाव, बांह के नीचे सूजन या गांठ का आना आदि|

स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से आत्म-परीक्षण करना चाहिए और अगर कोई असामान्यता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, मैमोग्राफी और सोनोग्राफी जैसी जांचें भी स्तन कैंसर की पहचान में मदद करती हैं।“

कार्यक्रम मे दंत चिकित्सा विभाग से डॉ विकास जयंत, डॉ रिशभ गुप्ता, डॉ कार्तिकेय द्विवेदी, डॉ दीक्षा अवस्थी तथा एम बी बी एस इंटेर्न्स सुधांशु प्रताप, सुजीत सिंह, सूर्य नारायण प्रसाद, तमन्ना, तेजस सिंह चौहान, तृशा एवं उत्कर्ष अग्रवाल द्वारा नुक्कड़ नाटको का मंचन भी किया गया जिसमे कलाकारो ने माँ और बच्चे के स्वास्थ्य की देखभाल किस तरह की जाए, इस बारे मे जानकारी दी|

सभी सम्मानित अतिथियों को प्रतीक चिन्ह तथा पुष्प प्रदान कर सम्मानित किया गया | सभी महिला लाभार्थियों को जलपान तथा हेल्थ किट वितरित की गयी | अंत में डॉ. मनीष कुमार सिंह, सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रतिभागियों, आयोजकों एवं सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापन किया और इस सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।

कार्यक्रम मे प्रो डॉ सी एम सिंह, डॉ एस डी कंदपाल, डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ शैली महाजन, डॉ दीप्ति डॉ रश्मि कुमारी, डॉ नीतू सिंह, डॉ मनीष कुमार सिंह, डॉ पद्मा निधि अग्रवाल, डॉ रूपल अग्रवाल, डॉ पद्मजा रानी, इंचार्ज, शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (UHTC), उजरियांव, डॉ काकोली बोर्कोतोकि,

डॉ विकास जयंत, डॉ ऋषभ गुप्ता, डॉ कार्तिकेय द्विवेदी, डॉ दीक्षा अवस्थी, सुधांशु प्रताप, सुजीत सिंह, सूर्य नारायण प्रसाद, तमन्ना, तेजस सिंह चौहान, तृशा, उत्कर्ष अग्रवाल, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा लाभार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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