खोदी सड़कों की मरम्मत में सुस्त कंपनियों के मालिक लखनऊ तलब, प्रमुख सचिव ने जमकर फटकारा

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लखनऊ। जल जीवन मिशन के तहत पड़ रही पाइप लाइन के लिए खोदी गयी सड़कों की मरम्मत में लापरवाह कम्पनियों के मालिकान मंगलवार को लखनऊ तलब कर लिये गये।

सैकड़ों करोड़ के टर्न ओवर वाली कम्पनियों के कर्ता-धर्ता प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के बैठक में बगले झाकते रहें।

प्रमुख सचिव की 2 टूक 30 सितंबर से पहले सभी सड़के करे दुरुस्त या होंगी जायेंगे जेल

कम्पनियों के रवैये से नाराज प्रमुख सचिव, अनुराग श्रीवास्तव ने उनके मालिकों को जमकर फटकार लगायी। 30 सितम्बर, 2024 से पहले शत-प्रतिशत सड़कों की मरम्मत न होने पर उनके खिलाफ एफआईआर की चेतावनी दी।

मुज़्ज़फरनगर में काम कर रही एनकेजी कंपनी को अल्टीमेटम, टर्मिनेशन नोटिस के निर्देश

प्रमुख सचिव ने एक एक  जिले के हालात की समीक्षा करते हुये मालिकों को कम से कम एक दिन खुद फील्ड़ पर पहुच कर गावों में सड़क मरम्मत और नियमित जलापूर्ति के कार्य को देखने के निर्देश दिये।

प्रमुख सचिव ने 15 दिनों बाद जिलों में प्रगति के ब्यौरे के साथ कम्पनी के मालिकों को शासन पहुचने के निर्देश देते हुये कहा कि  17 सितम्बर की  समीक्षा बैठक में यह तय हो जाएगा कि कौन सी कम्पनी जल जीवन मिशन में आगे काम करेगी और किन-किन कम्पनियों के मालिक जेल जाऐंगे और एफआईआर होगी।

कम्पनियो के मालिकों को 17 सितंबर को फिर लखनऊ आकर देनी होगी प्रगति की रिपोर्ट 

उन्होंने ने कहा की  पाइप लाइन डालने में काटी गयी सड़कों की मरम्मत सरकार की प्राथमिकता है और इसे हर हाल में 30 सितम्बर तक पूरा करना ही होगा।

प्रमुख सचिव ने मुजफ्फरनगर में काम कर ही एन के जी  कम्पनी के मालिक को सुस्त रवैये पर जमकर लताड़ लगाते हुये तीन दिन में सड़क मरम्मत की गति चार गुना बढ़ाने और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही  टर्मिनेशन नोटिस  के निर्देश दिये।

17 सितम्बर की समीक्षा बैठक में तय होगा कौन कम्पनी करेगी काम, किसके खिलाफ होगी कार्यवाही 

प्रमुख सचिव ने अलीगढ़ में काम कर रही  आईओएन एक्सचेंज , जेऍमसी  के  साथ ही प्रयागराज में एलएनटी  के मालिकों को सुधार की सख्त हिदायत दी। बैठक में  एमडी राजशेखर और ईडी  बृजराज सिंह यादव मौजूद रहे।

सड़को की मरम्मत कार्य और गांव में नियमित जलापूर्ति के 5 की निगरानी के लिए 5 स्तरीय मॉनिटरिंग 

काम की मॉनीटरिंग के लिए पांच  लेवल पर टीमों का गठन किया गया है। जिले में अधिशासी अभियंताओं को मॉनीटरिंग की कमान दी गई है।

इसके अलावा जल निगम ग्रामीण मुख्यालय या राज्य पेय जल स्वछता मिशन मुख्यालय से चीफ इंजीनियर लेवल के  अधिकारियो को नियमित मॉनिटरिंग के साथ ही औचक निरीक्षण की ज़िम्मेदारी सौपी गयी है। जिलों में दो टीमें बनाई गई हैं। इन्हें नियमित दौरा करने और काम की निगरानी करने के आदेश हैं।

सड़क मरम्मत और नियमित जलापूर्ति की रोज समीक्षा कर शासन को रिपोर्ट भेजेंगे ईडी 

प्रमुख सचिव ने सभी कंपनियों के मालिकों को साफ कर दिया है कि उनके काम की अगली समीक्षा 15 दिन बाद होगी। उस बैठक में भी सभी कंपनियों के मालिकों को खुद आने के आदेश दिए गए हैं।

उन्हें कहा गया है कि वे रोड रीस्टोरेशन और नियमित जलापूर्ति के आंकड़ों के साथ आएं। जिन कंपनियों के काम की रफ्तार तब तक भी सुस्त ही रहेगी, उनके भविष्य पर फैसला उस मीटिंग में हो सकता है।

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