सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के वोटों का वीवीपीएटी पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
कोर्ट द्वारा दो निर्देश दिए गए कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को सील किया जाना चाहिए और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए संग्रहीत किया जाना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव की पूर्व संध्या पर समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की आलोचना करते हुए बोला था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदला जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कोर्ट ने पहले ही इसी तरह की राहत की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज किया है। वीवीपीएटी को वोटिंग मशीनों के लिए स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली माना जाता है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की मंजूरी देती है कि उन्होंने अपना वोट सही ढंग से डाला है या नहीं।