उद्धव के अवतार हैं सूरदास : रमाकांत गोस्वामी

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लखनऊ। राधा स्नेह दरबार की ओर से लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी के उपलक्ष्य में पांच दिवसीय भक्तमाल कथा का गुरुवार को शुभारंभ हुआ।

हर अंग में होती है आंखें : रमाकांत गोस्वामी

गोमती तट स्थित खाटूश्याम मन्दिर में कथा के पहले दिन कथा प्रवक्ता ब्रजभक्त वैष्णवाचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने संत सूरदास के चरित का बखान किया। इसके पूर्व राधा स्नेह दरबार की अध्यक्ष बिन्दू बोरा के साथ सैकड़ों सखियों ने झूमते गाते भव्य तुलसी यात्रा निकाली जो बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मन्दिर से श्याम मन्दिर पहुंची।

तुलसी यात्रा संग शुरू हुई भक्तमाल कथा

कथा की शुरुआत सनातन संस्कृति की रक्षा में राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के लोक अवदान पर चर्चा के साथ हुई। आचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, अपने संत और अपने ग्रन्थों के बारे में जानना चाहिए।

पहले दिन सूरदास के चरित का बखान

उन्होंने कहा कि भगवान ने स्वयं अपने भक्तों की कथा रचना करवाई और नाभादास जी ने भक्तमाल ग्रन्थ में चारों युग के सन्तों का चरित वर्णन किया।

भक्त के लक्षण का वर्णन करते हुए गोस्वामी ने दृष्टान्तों के माध्यम से ज्ञान, वैराग्य, तपस्या, त्याग, शील, सदाचार, सत्य, अहिंसा, क्षमा, दया, समानता और अमानता के गुणों की चर्चा की। भक्ति के पांच रसों की व्याख्या करते हुए कहा कि सूरदास जन्म से ही सिद्ध भक्त और सिद्ध कवि हैं।

भजनों पर झूमीं राधा स्नेह दरबार की सखियां

उनके कवित्त चातुर्य की बात को सभी विद्वानों ने माना है जिनमें विविध भाषाओं के साथ ही कूट भाषा का प्रयोग हुआ है। गोस्वामी ने सूरदास को पुष्टिमार्ग का जहाज और उद्धव का अवतार बताते हुए ललिता देवी के श्राप की कथा सुनाई। रुनकता में गुरु वल्लभाचार्य से दीक्षा और कृष्णलीला के पद रचना के आदेश का उल्लेख किया।

कहा कि मनुष्य के पास सिर्फ दो आंखें ही नहीं होती अपितु उसके हर अंग में आंख होती है, जो नदी में नहाते समय गहराई में जाने से रोकती है, वस्त्रों को छूकर अनुभव करती है, जीभ पर स्वाद की अनुभूति कराती है।

कथा के मध्य में सूरदास के पद और विविध भजनों पर राधा स्नेह दरबार की सखियां खूब झूमीं और नृत्य भी किया। अध्यक्ष बिन्दू बोरा ने आयोजन से जुड़ी बातें साझा करते हुए कथाचार्य समेत आगन्तुक अतिथियों व श्रोताओं का स्वागत किया।

कथा के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान, विधायक डा. नीरज बोरा, श्याम परिवार के सदस्यों सहित कुसुम अग्रवाल, बीना गोयल, अंशु अग्रवाल, सीमा गोयल, नीलू गोयल, ज्योति अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, मीना अग्रवाल, अंजू गुप्ता, अनुराधा बंसल, आरती बंसल, सुमन अग्रवाल,

अंजू अग्रवाल, रजनी अग्रवाल, रेनू अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, नमिता अग्रवाल, कविता अग्रवाल, किरन जैन, अनुराधा गोयल, आंचल अग्रवाल, दीपाली मित्तल आदि उपस्थित रहे। कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को सायंकाल तीन बजे से संत तुलसी के चरित्र का आख्यान होगा।

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