काकोरी एक्शन की घटना, पहली बार मंच पर पेश करेगा बीएनए

0
82

लखनऊ। हंसते-हंसते चूम लेंगे फांसी के फंदों को हम देश ये आज़ाद हो ख़्वाहिश रहेगी मरते दम/ अब यह मिट्टी और हवा, और यह प्यारा वतन, है तुम्हारे ही हवाले/ स्वर्ग से न्यारा वतन…/ सौ जनम कुर्बान हों, ख्वाहिश रहेगी मरते दम देश ये आज़ाद हो…… ऐसे ही जोशीले गीतों से कलाकारों ने पूरे सभागार में ओज के स्वर बिखेर दिए।

नाटककार सुशील कुमार सिंह के लेखन में बीएनए कलाकार करेंगे काकोरी एक्शन नाटक

शुक्रवार को भारतेंदु नाट्य अकादमी उत्तर प्रदेश लखनऊ के रंगमंडल कलाकारों ने नाटक ‘काकोरी एक्शन’ का शानदार पूर्वाभ्यास किया गया। नाटक का लेखन जानेमाने नाटककार सुशील कुमार सिंह का है। सुशील कुमार सिंह केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी के अमृत पुरस्कार, हिंदी संस्थान, उप्र के कला भूषण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं।

चर्चित और लोकप्रिय नाटककार सुशील कुमार सिंह ने ‘काकोरी एक्शन’ क्रांतिकारियों के काकोरी में सरकारी खजाने को लूटने और स्वाधीनता आंदोलन में क्रांतिकारियों के विभिन्न पहलुओं को सामने रखा है।

नाटककार सुशील कुमार सिंह ने बताया कि सहारनपुर लखनऊ 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन में अंग्रेजों के खजाने को देशभक्त क्रांतिकारियों के लूटने की घटना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर लिखा है। नवीनतम नाटक बहुत ही सहज रूप से प्रारंभ होता है।

शाहजहांपुर का एक नाट्य दल, लखनऊ में काकोरी शताब्दी वर्ष के अवसर में कोई प्रस्तुति करने जा रहा है, लकिन दुर्भाग्य से जिस बस में वह बैठे थे, वह एक खटारा टाइप, धक्का परेड बस थी और काकोरी स्टेशन के पास ठीक उसी जगह पर आकर खराब हो जाती है।

जहां 100 साल पूर्व यह महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक घटना घटी थी, जिसने अंग्रेजी सरकार की जड़ें हिला दी थीं। कलाकारों को ऊब, चिढ़ और हताशा होती है वह मैनेजर से उलझ जाते हैं कि ऐसी खटारा बस क्यों की ? मैनेजर बेचारा क्या करता, जितना बजट उसको मिला है उतने में ही काम चलाना है।

जल्दी ही कलाकारों को एहसास हो जाता है कि यह वही जगह है जहां क्रांतिकारियों ने ट्रेन का खज़ाना लूटा गया था और इस जगह का एहसास कुछ और ही है, तो वह रोमांचित हो जाते हैं। लखनऊ मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है, ‘बस’ जब तक ठीक हो वह अपने थीम सॉन्ग गाने का रिहर्सल करने लगते हैं।

ये भी पढ़ें : काकोरी ट्रेन एक्शन ने जनमानस को जगाया : रवि भट्ट

ये भी पढ़ें : सीडीआरआई में हिंदी पखवाड़ा समापन पर बरसी हास्य रस की फुहार

इसी के साथ नाटक का प्रारंभ हो जाता है और घटनाओं का एक ऐसा सिलसिला चलता है। जो आपको हर पल रोमांचित करता रहता है। इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना के महानायक थे राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी , मन्मथ नाथ गुप्त, शचिंद्रनाथ बक्शी आदि।

अंग्रेजों के अत्याचार और लूटपाट से त्रस्त जनता को राहत दिलाने के लिए यह देशभक्त दीवाने क्रांतिकारी गतिविधियों में लिप्त थे और सशक्त क्रांति से अंग्रेज सरकार का तख्ता पलट कर उन्हें देश के बाहर खदेड़ देने का जज़्बा रखते थे। देश भक्ति के गीतों से ओत-प्रोत, अमर शहीदों की यह बलिदान गाथा ‘काकोरी एक्शन’ आपको हर पल रोमांचित करती रहेगी।

इस नाटक का निर्देशन किया है, डॉ सुमित कुमार श्रीवास्तव ने, जो भारतेंदु नाट्य अकादमी में प्राध्यापक भी हैं। ‘काकोरी एक्शन’ 5 अक्टूबर 2024 को गोरखपुर के योगीराज गंभीर नाथ प्रेक्षाग्रह में होगा।

प्रतिष्ठित संस्था दर्पण गोरखपुर इन दिनों 28 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच वतन पर मर मिटने वालों की गाथाओं पर एक नाट्य समारोह कर रहा है। जिसमें इस नाटक के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, रांची कोलकाता, गुवाहाटी के नाट्य दलों की प्रस्तुतियां भी शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here