भारतीय वायु सेना की मध्य वायु कमान ने सेंटर फॉर एयरोस्पेस पावर एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CAPSS) के सहयोग से वायु सेना स्टेशन, बरेली में ‘एयरोस्पेस पावर और राष्ट्रीय सुरक्षा – एयरोस्पेस पावर पर उभरती और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों का प्रभाव’ विषय पर एक वायु शक्ति संगोष्ठी का आयोजन किया।
संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें एयर मार्शल बी मणिकांतन, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एओसी-इन-सी मध्य वायु कमान, थे जिन्होंने संगोष्ठी का उद्घाटन किया और एयर वाइस मार्शल अनिल गोलानी (सेवानिवृत्त) महानिदेशक CAPSS, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया, भी शामिल थे।
अन्य प्रतिभागियों में लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा, एवीएसएम, जीओसी यूबी एरिया, एयर मार्शल पीवी शिवानंद, एवीएसएम, वीएम, एसएएसओ मध्य वायु कमान,
एयर वाइस मार्शल आशीष वोहरा वीएसएम (सेवानिवृत्त) एडिशनल डीजी सीएपीएसएस, सीएपीएसएस और थिंक टैंक के प्रख्यात वक्ता और विषय विशेषज्ञ, भारतीय वायुसेना के वेटरन, अधिकारी और मध्य वायु कमान और भारतीय सेना की मध्य कमान की इकाइयों के जवान शामिल थे।
दो सत्रों के सेमिनार की शुरुआत डीजी सीएपीएसएस के विद्वतापूर्ण उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उभरती एयरोस्पेस शक्ति और सुरक्षा प्रतिमान का व्यापक अवलोकन प्रदान किया गया।
अपने उद्घाटन भाषण में, एयर मार्शल बी मणिकांतन ने वायु योद्धाओं के लिए वायु संपत्ति के उपयोग में तेजी से प्रगति के साथ बने रहने और इन अत्यावश्यक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने की अनिवार्यता पर जोर दिया।
एयर वाइस मार्शल आशीष वोहरा द्वारा संचालित पहला सत्र ‘रणनीतिक प्रतिस्पर्धा: भू-राजनीति, वृद्धि और आख्यानों की लड़ाई’ पर केंद्रित था।
इस सत्र में साउथ एशिया में भू-राजनीतिक स्थिति पर गहन चर्चा हुई, जिसे डॉ. शालिनी चावला, विशिष्ट फेलो, CAPSS द्वारा प्रस्तुत किया गया ;
आख्यानों की लड़ाई: रणनीतिक संचार, जिसे दिनाकर पेरी, फैलो, सिक्योरिटी स्ट्डीज, कार्नेगी इंडिया द्वारा संबोधित किया और एस्केलेशन कंट्रोल ऐस अ न्यू नॉर्मल: टेकअवेज फ्रॉम रिसेंट एंड आंगोइंग कंफ्लिक्ट्स,
जिस पर एयर मार्शल पी एम सिंहा, पी वी एस एम, यू वी एस एम, ए वी एस एम, वी एस एम (सेवानिवृत), पूर्व ए ओ सी-इन-सी, पश्चिमी वायु कमान ने विमर्श किया।
सेमिनार के दूसरे सत्र को मॉडरेट एयर मार्शल पी वी शिवानंद ने किया जिसमें ‘इंपैक्ट ऑफ इमर्जिंग एंड डिस्रप्टिव टेक्नोलॉजी ऑन एयर पॉवर ‘ पर चर्चा हुई।
इस सत्र में ड्रोन, गतिरोधक हथियारों और लंबी दूरी के वेक्टरों के उपयोग से युद्ध की गतिशीलता में बदलाव से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसे एयर कमोडोर उमापति शिवम वीएसएम ने प्रस्तुत किया।
इसके बाद एयर कमोडोर प्रशांत ने स्वायत्त प्रणालियों के उद्भव और आधुनिक युद्ध में एआई अनुप्रयोगों की भूमिका पर एक गहन व्याख्यान दिया। सत्र का समापन एयर कमोडोर एफपी पिंटो एससी वीएम द्वारा हाल के संघर्षों में ग्रे ज़ोन ऑपरेशन और भारत के लिए महत्वपूर्ण सबक पर चर्चा के साथ हुआ।
इस सेमिनार में एयरोस्पेस पावर और राष्ट्रीय सुरक्षा की बारीकियों पर रोचक चर्चा हुई और विघटनकारी तकनीकों से उभरते खतरों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
इस सेमिनार ने वायुसेना स्टेशन बरेली और मध्य वायु कमान के बेसों से ऑनलाइन माध्यम से सेमिनार में शामिल हुए 800 से अधिक प्रतिभागियों के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया,
जिससे उन्हें भू-राजनीति और एयरोस्पेस पावर में उभरते रुझानों की गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिली। सत्र ने नवीन सोच और रणनीतिक योजना के लिए उत्प्रेरक का काम किया।
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