एनसीसी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रतिभावान कैडेट हुए सम्मानित

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लखनऊ। एनसीसी की 76वॉ वर्षगांठ का भव्य आयोजन रविवार को डा. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, विश्वविद्यालय, लखनऊ में किया गया।

समारोह में प्रो. संजय सिंह वाइस चांसलर, डा. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, विश्वविद्यालय, लखनऊ मुख्य अतिथि व मेजर जनरल विक्रम कुमार, अपर महानिदेशक, एन.सी.सी. निदेशालय, उत्तर प्रदेश उपस्थित थे जिन्होंने एनसीसी के प्रतिभावान कैडेटों को सम्मानित किया।

बताते चले कि ’एकता एवं अनुशासन’ के पुनीत उद्देश्य के साथ सन् 1948 में एनसीसी का आरम्भ हुआ था।  एनसीसी ने देश के युवाओं के चरित्र निर्माण के विकास कार्य में अहम भूमिक निभाई है। राष्ट्र निर्माण में युवाओं के उज्जवल भविष्य का संवारने के प्रति पूर्णतः कटिबद्ध रही है।

इसके अतिरक्त एनसीसी का पूर्ण प्रयास रहा है कि वह देश के नवयुवकों के चरित्र निर्माण, अनुशासन नेतृत्व, की भावना आदि गुणों के विकास कार्य में उत्तरोतर विकास करें।

एनसीसी की कार्य प्रणाली एवं कैडेटों के प्रशिक्षण के उद्देश्य के सम्बंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुए प्रमुख उद्देश्य वर्णित हैं जिनमें प्रमुख हैं – देश के युवाओं में चरित्र, साहचर्य, अनुशासन नेतृत्व, धर्मनिरपेक्षता, रोमांच तथा निःस्वार्थ सेवा भाव का संचार करना।

संगठित, प्रशिक्षित व प्रेरित युवाओं का एक मानव-संसाधन तैयार करना, जीवन के प्रत्येक क्षे़त्र में नेतृत्व प्रदान करना व देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना। सशस्त्र सेना में जीविका (कैरियर) बनाने के लिए युवाओं को प्रेरित करने हेतु उचित वातावरण प्रदान करना।

उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित लगभग 2071 स्कूल एवं कालेजों में एनसीसी के एक लाख बाहत्तर हजार छह सौ नौ कैडेटों को ’’एकता और अनुशासन’’ की प्रेरणादायी भावना जाग्रित करते हुए एनसीसी का प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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एनसीसी प्रशिक्षण के अतिरिक्त कैडेटों को अनेक साहसिक गतिविधियों का भी अभ्यास करवाया जाता है जैसे – टैकिंग, रॉक क्लाइबिंग, रिवर राफ्टिंग, पर्वतारोहण, पैरासेलिंग, पैरा जम्पिग, वाटर राफ्टिंग इत्यादि।

एनसीसी प्रशिक्षण को हासिल करने के दौरान कैड्टस विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं जैसे-प्रौढ़षिक्षा, एड्स जागरूकता अभियान, स्वच्छता अभियान, शौचालय का प्रयोग अभियान, कैंसर के प्रति जारूकता अभियान, पल्स पोलियों कार्यक्रम, वृक्षारोपण एवं रक्तदान इत्यादि।

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