तनीषा सिंह ने चाचा को देखकर थामा था बैडमिंटन रैकेट, अब करियर को दे रही नई उड़ान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उभरती हुई बैडमिंटन खिलाड़ी तनीषा को बैडमिंटन विरासत में अपने चाचा से मिला है। उनके प्रोत्साहन पर तनीषा के साथ उनके भाई व बहन ने भी प्रैक्टिस शुरू की थी और आज तनीषा बैडमिंटन के क्षितिज पर चमकने को तैयार है।

उत्तर प्रदेश की मेजबानी में पहली बार आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में महिला बैडमिंटन में एडमस यूनिवर्सिटी की टीम से खेल रही तनीषा ने आज तीसरे स्थान के मुकाबले में अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में खेलकर महसूस कर रही गर्व 

मैच में तनीषा ने पहले सिंगल्स में जीत हासिल की और फिर डबल्स मुकाबले में उनकी जीत के चलते एडमस यूनिवर्सिटी ने सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी को 2-0 से मात देकर कांस्य पदक जीत लिया।

जीत के बाद खासी प्रफुल्लित नजर आ रही तनीषा सिंह ने कहा कि मेरा ये पहला खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स है और खुशी इस बात की है कि आज टीम को कांस्य दिलाने में अपना योगदान किया। दूसरी खुशी इस बात की है इसी कोर्ट पर मैनें अपने खेल को निखारा भी है।

बैडमिंटन के फलक पर दस्तक दे रही यूपी की एक और शटलर तनीषा

वैसे तनीषा के पिता योगेश सिंह और माता पूनम सिंह का खेल से नाता नहीं है लेकिन उनके चाचा अमितेश सिंह बैडमिंटन खिलाड़ी रहे है और उन्होंने ही अपने भाई के बच्चों को बैडमिंटन खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।

तनीषा के भाई अश्विन सिंह और बहन शिवांगी सिंह भी बैडमिंटन खिलाड़ी है और तीनों ने साथ में ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। बस्ती के कप्तानगंज ब्लॉक के खोभा गांव की अंतरराष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी तनीषा वर्तमान में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में ट्रेनिंग कर रही है। वो एडमस यूनिवर्सिटी कोलकाता में बीए की छात्रा है।

महिला बैडमिंटन में एडमस यूनिवर्सिटी को कांस्य दिलाने में निभाई अहम भूमिका

हालांकि उनके खेल की शुरुआत आसान नहीं रही थी और शुरू में ट्रेनिंग के लिए वो 30 किमी दूर जिला स्टेडियम तक का सफर तय करती थी। सिंगल्स के साथ डबल्स की भी माहिर खिलाड़ी तनीषा सिंह बाद में अपने खेल में आगे बढ़ने के लिए लखनऊ आ गई।

यहां उन्होंने केडी सिंह बाबू स्टेडियम और फिर बीबीडी यूपी बैडमिंटन अकादमी मे प्रवेश लिया। उन्होंने लखनऊ में साल 2011 से 2014 तक दिग्गज कोच देवेंद्र कौशल की निगरानी में जमकर अभ्यास किया ओर फिर 2014 से लेकर 2020 तक बीबीडी यूपी बैडमिंटन अकादमी में भी ट्रेनिंग की थी।

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तनीषा ने एकल व युगल में सब जूनियर व जूनियर वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में छह बार कांस्य पदक जीते है। तनीषा के ऊपर चीनी ताइपे की ताई जु इंग का पर बहुत असर पड़ा है और आने वाले समय में वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत का तिरंगा लहराना चाहती है।

सीनियर महिला वर्ग में आल इंडिया 27वीं रैंकिंग और जूनियर रैंकिंग सिंगल्स व डबल्स में 11वीं रैंकिंग होल्डर तनीषा सिंह ने पुणे इंटरनेशनल -2022 में बालिका डबल्स में कांस्य पदक जीता हे।

इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद इंटर नेशनल चैंपियनशिप में अंडर-19 सिंगल्स व डबल्स में क्वार्टर फाइनल और म्यामांर में हुई अंडर-15 एशियन चैंपियनशिप में तीसरे राउंड तक का सफर तय किया है।

उन्होंने बेंगलुरु में हुए आल इंडिया रैंकिंग टूर्नामेंट-2022 में अंडर-19 डबल्स में कांस्य, आल इंडिया जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप-2022 में डबल्स में कांस्य, पंचकुला मे हुए आल इंडिया रैंकिंग टूर्नामेंट-2022 में कांस्य पदक जीते है।

तनीषा ने बंगलौर मे हुए सब जूनियर नेशनल-2018 और भुवनेश्वर में हुए आल इंडिय अंडर-17 बैडमिंटन टूर्नामेंट-2019 में कांस्य पदक जीते है। उन्होंने ईस्ट जोन बैडमिंटन टूर्नामेंट-2022 में अंडर-19 और सीनियर वर्ग के खिताब जीते है।

तनीषा सिंह ने उत्तर प्रदेश की मेजबानी में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यहां हमें काफी उच्चस्तरीय सुविधाए दी गई है और इसके चलते हमारी टीम पूरी तरह से अपने खेल पर फोकस कर सकी।

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