लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नदियों के पुनरोद्धार और उन्हे अविरल-निर्मल बनाने के प्रति संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री के प्रयास से प्रदेश की करीब 60 नदियों का पुनरोद्धार किया जा चुका है। अब नमामि गंगे कार्यक्रम में धार्मिक नगरों के साथ 30 से अधिक शहरों में बहने वाली नदियों में प्रदूषण रोकने का काम और तेज कर दिया गया है।
नदियों को पुराने स्वरूप में लौटाने और उनको अविरल-निर्मल बनाने के लिए 47 सीवर शोधन परियोजनाओं को शुरू किया गया है। इनमें से 27 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं।
इससे 473.91 एमएलडी की सीवर शोधन की क्षमता बढ़ी है। सीवर शोधन की 18 परियोजनाओं का काम अंतिम चरण में है। इनमें से कुछ अगले माह पूरी हो रही हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रयागराज भी शामिल है, जहां 18 नालों की टैपिंग कराने की तैयारी है।
प्रदेश में होगी 1508 एमएलडी शोधन क्षमता
सीवर शोधन परियोजनाओं से नदियों में नालों से गिरने वाली गंदगी का शोधन होगा। नदियों को स्वच्छ बनाने की बड़ी पहल जलीय जीव-जन्तुओं को जीवन तो देगी ही, साथ ही नदियों को भी निर्मल करेगी।
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करीब 11071.63 करोड़ रुपए की धनराशि से तैयार की जा रही 47 परियोजनाओं के निर्माण के बाद प्रदेश में कुल 1508.01 एमएलडी शोधन क्षमता का निर्माण हो जाएगा। पीपीपी मॉडल पर तैयार की जा रही इन योजनाओं में एजेंसिंयों को 15 वर्ष के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है।
इन शहरों में नदियों को जीवन देंगी सीवर शोधन परियोजनाएं
प्रयागराज (नैनी, फाफामऊ, झूसी), कन्नौज, नरोरा, गढ़मुक्तेश्वर, अनूपशहर, कानपुर, अयोध्या, बिठूर, मथुरा-वृन्दावन, वाराणसी, चुनार, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, कासगंज, इटावा, शुक्लागंज-उन्नाव, सुल्तानपुर, जौनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुडाना, लखनऊ, ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, बरेली, कैराना, फरुखाबाद, फैज़ाबाद शहर, आगरा, मेरठ, सहारनपुर में सीवर शोधन परियोजनाओं का काम किया जा रहा है।
इन परियोजनाओं के निर्माण से विभिन्न नालों से नदियों में प्रवाहित गंदे जल का शोधन कर नदियों में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम की जाएगी।