लखनऊ। भारतीय वायुसेना की 91वें स्थापना वर्षगांठ व वायुसेना दिवस 8 अक्टूबर के साप्ताहिक कार्यक्रम के उपलक्ष्य में वायु सेना अपने वेटरन सैनिको के सम्मान व उन्हें याद करने की श्रृंखला में आयोजित करती है।
इसी क्रम में आज अयोध्या कैंट में स्थित विंग कमांडर धीरेन्द्र सिंह जफ़ा मेमोरियल पार्क में आयोजित समम्मान समारोह में विंग कमांडर शशांक शंकर मिश्रा के नेतृत्व में एयरफोर्स यूनिट बक्शी का तालाब (लखनऊ) के वायु सैनिकों ने प्रतिद्यभाग किया।
1971 में वायुसेना मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदक को छोड़कर युद्ध भूमि में थे उतरे
डोगरा रेजिमेंटल सेंटर एवं छावनी परिषद कैंट अयोध्या के विशेष सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में विंग कमांडर शशांक शंकर मिश्रा व अन्य गणमान्य व्यक्तिओं ने विंग कमांडर धीरेन्द्र सिंह जफ़ा (वीरचक्र विजेता) की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित किया और साथ में तिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़े गये।
इस अवसर पर डिप्टी कमांडेंट, डोगरा रेजीमेंट व मुख्य अधिशासी अधिकारी, अयोध्या कैंट बोर्ड व साथ ही बड़ी संख्या में आर्मी पब्लिक स्कूल के शिक्षक और छात्र- छात्रा भी मौजूद रहे। इस अवसर पर विंग कमांडर शशांक शंकर मिश्रा ने धीरेंद्र सिंह जफ़ा द्वारा 1971 में लिए गए उस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में बताया।
पाक के विरुद्ध युद्ध में दिया अद्वितीय कौशल का परिचय, एक साल पाक की जेल में कैद भी रहे
जब जफ़ा ने कर्तव्य को स्वयं से ऊपर रखने वाले सैनिक की भांति, वायुसेना मुख्यालय दिल्ली में एयर चीफ मार्शल के एडीसी (परिसहायक) जैसे सुरक्षित महत्वपूर्ण व प्रतिष्ठित पद को छोड़ने का मातृभूमि की रक्षा के लिए निर्णय लिया।
उन्होंने युद्ध क्षेत्र के खतरों एवं जोखिमों को अपने स्क्वाड्रन के अधिकारीयों एवं साथियों के साथ साझा करना अपना नैतिक दायित्व समझा और अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चों को पीछे छोड़कर देश सेवा के लिए समर्पित हो गए।
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उन्होंने युद्धभूमि में अपने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए देश को विजय दिलाई और एक वर्ष पाकिस्तान की जेल में कैद भी रहे। विंग कमांडर शशांक शंकर मिश्रा ने बच्चों को भारतीय वायुसेना के जहाजों व अन्य तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी विस्तार पूर्वक दी।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षक, छात्र- छात्रों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विंग कमांडर धीरेन्द्र सिंह जफ़ा द्वारा लिखित पुस्तक “मृत्यु कष्टदायी न थी” की प्रति भेंट की गई।
वहीं अयोध्या कैंट पर आये हुए वायुसेना के सैनिक इस कार्यक्रम से भावुक नजर आए। अंत में सभी द्वारा जफ़ा मेमोरियल पार्क में वृक्षारोपण कर पार्क को सुंदर व संरक्षित करने का प्रण लिया गया।