लहरों की जंग कल से, एनएमपीए इंडियन ओपन ऑफ सर्फिंग के लिए शीर्ष सर्फर तैयार

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मंगलुरु : भारत की सर्फिंग दुनिया की नजरें एक बार फिर कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु पर टिकी हैं, जहां कल से तन्निरभवी इको बीच पर छठा एनएमपीए इंडियन ओपन ऑफ सर्फिंग (एनएमपीए आईओएस) शुरू होने जा रहा है।

यह प्रतियोगिता 30 मई से 1 जून 2025 तक आयोजित की जाएगी और 2025 नेशनल सर्फिंग चैंपियनशिप सीरीज़ का दूसरा पड़ाव होगी।

खराब मौसम के कारण स्थान में बदलाव, अब तन्निरभवी इको बीच पर आयोजन

सर्फिंग स्वामी फाउंडेशन द्वारा आयोजित और मंतर सर्फ क्लब द्वारा होस्ट की गई इस प्रतियोगिता को सर्फिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का समर्थन प्राप्त है। यह संस्करण न केवल नेशनल चैंपियनशिप सीरीज़ का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सर्फरों के लिए कीमती रैंकिंग अंक अर्जित करने का भी अवसर है।

50 से अधिक शीर्ष रैंकिंग वाले सर्फर प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे

तीन दिन की प्रतियोगिता में  50 से अधिक शीर्ष सर्फर हिस्सा लेंगे, जो चार श्रेणियों में मुकाबला करेंगे: मेन्स ओपन, विमेन्स ओपन, अंडर-16 (लड़के) और अंडर-16 (लड़कियां)।

इस बार की मुख्य झलकियों में से एक हैडिफेंडिंग नेशनल चैंपियन रमेश बुडिहाल और किशोर कुमार की वापसी, जो पिछले संस्करण से चूक गए थे, लेकिन इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे।

वेहरीशमुथु, कमलीपी, अजीशअली, श्रीकांतडी और संजय सेल्वमणि जैसे शीर्ष सर्फरों के साथ मैदान में उतरेंगे, जिन्होंने 2024 में एशियाई सर्फिंग चैंपियनशिप और मरुहाबाकप जैसे प्रतिष्ठित इवेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया था।

इन खिलाड़ियों के योगदान से भारत ने पिछले साल एशिया में 5वां स्थान हासिल किया और एची-नागोया 2026 एशियन गेम्स के लिए दो को टा भी सुनिश्चित किए।

डिफेंडिंग चैंपियन रमेश बुडिहाल और किशोर कुमार की वापसी

इस वर्ष की प्रतियोगिता को और रोमांचक बनाता है लहरों का पूर्वानुमान, जिसमें 10 से 12 फीट ऊंची लहरों की संभावना जताई गई है।

ये विशाल लहरें सर्फरों की तकनीक, सहन शक्ति और रणनीति की कड़ी परीक्षा लेंगी। अरब सागर में चक्रवाती गतिविधि और अस्थिर मौसम के चलते समुद्र की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है, जिससे कार्यक्रम की समय-सारणी भी प्रभावित हो सकती है।

बढ़ती चुनौती का असर राष्ट्रीय रैंकिंग पर भी पड़ेगा, खासकर जब एशियन सर्फ चैंपियनशिप 2025 निकट है, जो 2026 एशियन गेम्स के लिए क्वालीफायर भी है। इस साल की प्रतियोगिता मूल रूप से स सीहित लूबीच पर आयोजित की जानी थी, लेकिन मौसम और लहरों की अनुकूल स्थिति न होने के कारण इसे टन्नी र्भावीइ को बीच स्थानांतरित कर दिया गया।

वर्षों से इंडियन ओपन ऑफ सर्फिंग का पर्याय बन चुका ससीहित लू इस बार मेज़बान नहीं रहेगा, लेकिन नया स्थल समान लहर गुणवत्ता के साथ-साथ खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

10–12 फीट ऊंची लहरों के पूर्वानुमान के बीच रोमांचक और चुनौती पूर्ण प्रतियोगिता की उम्मीद

इस वर्ष भी प्रतियोगिता को अपने प्रमुख भागीदारों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। न्यू मंगलुरु पोर्ट प्राधिकरण (एनएमपीए) लगातार दूसरे वर्ष मुख्य प्रायोजक के रूप में जुड़ा है, जबकि कर्नाटक पर्यटन विभाग लगातार छठे वर्ष इस चैंपियनशिप को प्रस्तुत कर रहा है।

सायकल प्योर अगरबत्तियां भी लगातार दूसरे साल “पावर्डबाय” स्पॉन्सर के रूप में सहयोग कर रही हैं।सर्फिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष और मंत्रा सर्फ क्लब के निदेशक राम मोहन परांजपे ने कहा, “हम मंगलुरु के तट पर छठा एनएमपीए इंडियन ओपन ऑफ सर्फिंग लेकर आने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।

10–12 फीट की लहरों और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की उपस्थिति इस प्रतियोगिता को बेहद रोमांचक और प्रतिस्पर्धी बनाएगी। यह आयोजन हमारे प्रमुख भागीदारों — न्यू मंगलुरु पोर्ट प्राधिकरण, कर्नाटक पर्यटन विभाग और सायकल प्योर अगरबत्तियां — के अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं होता, जो भारत में सर्फिंग के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।”

इस आयोजन से पहले, स्थानीय स्तर पर “ग्रोमसर्च” पहल के अंतर्गत कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनका उद्देश्य क्षेत्र की अगली पीढ़ी की सर्फिंग प्रतिभाओं को उभारना है। ये स्थानीय प्रतियोगिताएं न केवल राष्ट्रीय स्तर की तैयारी में सहायक हैं, बल्कि एक दीर्घ कालिक प्रतिभा विकास प्रक्रिया की नींव भी रखती हैं।

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