लखनऊ। वार्षिकोत्सव में छोटे-छोटे बच्चों का आत्मविश्वास, उत्साह और रचनाशीलता के कई आयाम देखने को मिले। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े हुए शहर की सीमा पर अविकसित अमराई गांव में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए “ग्लोरी ऑफ गॉड” स्कूल ने अहम पहल की।
“ग्लोरी ऑफ फ़ गॉड”स्कूल चिनहट अमराई गांव के शगुन विहार स्थित है, जिसका संचालन आर्ट एंड फाउंडेशन निशुल्क कर रहा है। स्कूल गरीबी रेखा के आसपास जीवन-यापन करने वाले बच्चों को प्राइमरी स्कूल “ग्लोरी ऑफ गॉड” बहुत ही सीमित संसाधनों में गुणवत्ता परक शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है।
वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सूचना निदेशालय के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक अशोक बनर्जी, विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय कत्थक नृत्यांगना डॉ मीरा दीक्षित थीं। उन्होंने स्कूल और बच्चों के प्रति शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। स्कूल के रचनात्मक परामर्शदाता रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया ने बच्चों से बातचीत की।
शिक्षक-शिक्षिकाओं को उनके इस योगदान के लिए शुभकामनाएं दीं। स्कूल निदेशक जय तिवारी ने बताया कि मात्र डेढ़ साल पहले विकट कोरोना काल के बावजूद धनाभाव में स्थानीय लोगों की शुभकामनाओं के सहारे इस स्कूल की शुरुआत की। आज यहां कक्षा पांच तक के 56 बच्चे पढ रहे हैं।
इन वार्षिकोत्सव में बच्चों ने आधुनिक और लोक जीवन से जुड़े कई गीत- नृत्य प्रस्तुत कर प्रभावित किया। जिनमें नन्हे-मुन्ने बच्चों का आत्मविश्वास और उल्लास तो देखते ही बना। उनमें गजब का अनुशासन और समर्पण देखने को मिला। दर्शकों के रूप में बच्चों के माता-पिता के अतिरिक्त स्थानीय लोग भी प्रचुर संख्या में मौजूद थे।
डॉ मीरा दीक्षित के शिष्य शैलेंद्र ने कथक नृत्य में गणपति और शिव वंदना की अद्भुत प्रस्तुति दी। आखिर में स्कूल संस्थापक राजकुमार तिवारी ने अतिथियों, अभिभावकों और बच्चों का आभार जताया।
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