लखनऊ | गोमती नदी को स्वच्छ और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से चल रहे ‘रिवर योग’ अभियान ने अपना चौथा चरण गौ घाट पर आरंभ किया।
यह अभियान 137 कंपोज़िट इकोलॉजिकल टास्क फोर्स बटालियन (टेरिटोरियल आर्मी) 39 गोरखा राइफल्स द्वारा लखनऊ नगर निगम, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) और स्टेट मिशन फॉर क्लीन गंगा (SMCG-UP) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह विशेष जनभागीदारी आधारित अभियान 21 अप्रैल 2025 को कुड़िया घाट से प्रारंभ हुआ था और अब तक कुड़िया घाट, मंकमेश्वर घाट तथा झूलेलाल घाट पर सफलता पूर्वक आयोजित हो चुका है।
अब यह अभियान 27 मई से 6 जून 2025 तक 11 दिनों के लिए गौ घाट पर जारी रहेगा। प्रत्येक दिन सुबह 6:00 से 8:00 बजे तक, योग अभ्यास सत्र और उसके बाद घाट की सफाई तथा नदी किनारे स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य केवल योग या सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन बन गया है जो नदी संरक्षण, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, तथा समाज की सामूहिक जिम्मेदारी को जोड़ता है। इसमें एनसीसी/एनएसएस, विश्वविद्यालयों के छात्र, सामाजिक संगठन, स्थानीय निवासी और स्वयंसेवी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
इस अभियान के अंतर्गत हर रविवार को विशेष संवाद सत्र भी आयोजित किए जाते हैं जिनमें प्लास्टिक-मुक्त घाट, स्वस्थ नदी – स्वस्थ जीवन, और नदी के किनारे ध्यान जैसे विषयों पर चर्चा होती है।
21 जून 2025, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन कुड़िया घाट पर इस अभियान का समापन समारोह होगा, जिसमें सामूहिक योग प्रदर्शन, प्रदर्शनी, और योगदान देने वाले प्रतिभागियों का सम्मान किया जाएगा।
यह अभियान एक उदाहरण बन गया है कि कैसे सैन्य बल, शिक्षण संस्थान, और स्थानीय प्रशासन मिलकर पर्यावरणीय परिवर्तन की दिशा में प्रभावी कार्य कर सकते हैं। 137 कंपोज़िट इकोलॉजिकल टास्क फोर्स बटालियन (टेरिटोरियल आर्मी) 39 गोरखा राइफल्स की यह पहल लखनऊ और गोमती के भविष्य के लिए एक नई उम्मीद की तरह है।
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