थॉमस कप में भारतीय बैडमिंटन टीम की ऐतिहासिक जीत से झूमा देश

0
271
फोटो : साभार बाई ट्विटर हैंडल

नई दिल्ली। भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया। भारतीय पुरुषों ने बैंकाक में जारी थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैम्पियन इंडोनेशिया को एकतरफा अंदाज में 3-0 से हराकर पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का विजेता होने का गौरव हासिल किया है।

भारत ने फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को एकतरफा 3-0 से दी मात

पहली बार फाइनल खेल रही भारतीय टीम के लिए एक ऐसी टीम के खिलाफ जीत दर्ज करना आसान नहीं था, जो 21वीं बार फाइनल खेल रही थी लेकिन इसे संभव करने के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने अपना श्रेष्ठतम प्रदर्शन किया औऱ एक के बाद एक तीन मुकाबले जीतकर इतिहास रच दिया।

भारत की जीत की शुरुआत दुनिया के नौ नम्बर के एकल खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने की। लक्ष्य ने एंथोनी सिनिसुका गिंटिंगमेंस के खिलाफ पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी की और 21-8, 17-21, 16-21 की जीत के साथ भारत को 1-0 से आगे कर दिया।

इसके बाद सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुलजोमेंस के खिलाफ 21-18, 21-23, 19-21 की जीत के साथ भारत को 2-0 से आगे कर खिताब के बेहद करीब लाकर खड़ा कर दिया।

थॉमस कप के 73 साल के इतिहास में भारतीय टीम पहली बार चैंपियन

2-0 से आगे होने के बाद भारत को खिताब अपने नाम करने के लिए अब सिर्फ एक मैच में जीत की दरकार थी और इसका दारोमदार गया विश्व के पूर्व नम्बर- खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत पर, जो दिग्गज जोनाथन क्रिस्टी के खिलाफ खड़े थे।

श्रीकांत ने इस इंडोनेशियाई दिग्गज के खिलाफ 21-15, 23-21 की जीत के साथ भारत को चैंपियन बना दिया। पहला गेम आसानी से अपने नाम करने के बाद हालांकि श्रीकांत दूसरे गेम में एक समय पीछे चल रहे थे लेकिन फिर उन्होंने 19-19 की बराबरी की और फिर गेम के साथ-साथ मैच भी अपने नाम कर लिया।

ये भी पढ़े : भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम रवाना, बहरीन और दुबई में खेलेगी इंटरनेशनल टूर्नामेंट

भारत द्वारा लगातार तीन मैच जीते जाने के बाद बाकी बचे दो मुकाबलों की आवश्यकता नहीं पड़ी। भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 5 बार की चैंपियन मलेशिया को 3-2 से हराकर अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया था।

वह भारत के लिए ऐतिहासिक दिन था क्योंकि इससे पहले भारत ने इस इवेंट में कभी कोई पदक नहीं हासिल किया था।
भारतीय टीम यही नहीं रुकी और फिर सेमीफाइनल में इस टीम ने 2016 की चैंपियन डेनमार्क को 3-2 से हराकर फाइनल में स्थान पक्का कर अपने लिए एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल कर ली और अब उससे भी कहीं आगे जाकर चैम्पियन बन गया।

थॉमस कप के 73 साल के इतिहास में भारतीय टीम पहली बार चैंपियन बनी है। यह टूर्नामेंट 1949 से खेला जा रहा था, लेकिन अब तक इंडोनेशिया, डेनमार्क और मलेशिया जैसी टीमों का इस टूर्नामेंट में दबदबा रहा था, जिसे भारत ने खत्म किया है। भारत चौथी टीम है, जिसने यह टूर्नामेंट जीता है।

पीएम मोदी ने दी बधाई और शुभकामना

जीत के बाद पीएम मोदी ने बधाई देते हुए भारतीय बैडमिंटन टीम के इतिहास रचने पर कहा कि इस जीत से पूरा पूरा देश प्रफुल्लित है। हमारी टीम को बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। इस जीत से आने वाले कई खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। पीएम ने टीम को फोन पर बात कर भी बधाई भी दी।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने की टीम को एक करोड़ रुपए के ईनाम की घोषणा

इसी बीच, केंद्रीय खेल व युवा मामले मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय टीम को एक करोड़ का ईनाम देने की घोषणा की। ठाकुर ने ट्वीट में भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को थॉमस कप जीतने पर बधाई दी।

उन्होंने आगे लिखा कि मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया को हराकर यह असाधारण उपलब्धि मिलने पर टीम देश की ओर से समान सम्मान की हकदार है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय का खेल विभाग भारतीय टीम के लिये एक करोड़ रुपये का ईनाम घोषित करता है।

बाई ने भी घोषित किया थॉमस कप विजेता टीम के लिए 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार 

नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के अध्यक्ष डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को थॉमस कप विजेता भारतीय पुरुष टीम के लिए कुल एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि की घोषणा की। सरमा ने सहयोगी स्टाफ के लिए 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि की भी घोषणा की।

अपने बयान में सरमा ने कहा,“यह भारतीय बैडमिंटन के लिए बहुत गर्व का क्षण है। हमने कई व्यक्तिगत जीत हासिल की हैं लेकिन थॉमस कप का ताज जीतना बहुत खास है। यह पुरुषों के बीच हमारी प्रतिभा की गहराई को दर्शाता है। साथ ही साथ यह हमारे खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ की उस क्षमता का भी प्रतीक है।

इसके बूते वे दिग्गज देशों को हराकर बड़ा से बड़ा खिताब जीतने की काबिलियत रखते हैं। को इस सप्ताह के माध्यम से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और खिताब जीतने के रास्ते में कुछ सबसे बड़े बैडमिंटन पावरहाउस को हराने का पूरा श्रेय है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here