मणिपुर में ढाबा चलाने वाले का बेटा तलवार की चमक बिखरने को तैयार

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लखनऊ,: अपनी प्रतिभा के दम पर 15 साल की उम्र में मणिपुर से पुणे स्थित आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट (एसएसआई) तक का सफर तय करने वाले फेंसर चिंगखाम जेटली सिंह लगातार दूसरी बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) में अपनी चमक बिखेरने को तैयार हैं।

चिंगखाम ने बेंगलोर में पहली बार इन खेलों में हिस्सा लिया था और दो स्वर्ण पदक (व्यक्तिगत और टीम) जीते थे। 21 साल के चिंगखाम इस साल गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी को रेप्रजेंट कर रहे हैं। बीए प्रथम वर्ष के छात्र चिंगखाम इन दिनों एएसआई पुणे में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 

वो पहली बार उत्तर प्रदेश में आयोजित किए जा रहे केआईयूजी-2022 में अपने अच्छे परफार्मेंस को लेकर आश्वस्त हैं। चिंगखाम ने कहा,- मैं केआईयूजी में अच्छा परफार्म करने को लेकर आश्वस्त हूं। मैं इसके लिए खूब मेहनत कर रहा हूं।

साल 2022 में टाप्स डेवलपमेंट एथलीट बने चिंगखाम के पिता इंफाल ईस्ट जिले में ढाबा चलाते हैं। तीन भाई बहनों में सबसे छोटे चिंगखाम ने कहा,- मेरे पिता इंफाल ईस्ट जिले में फास्ट फूड ढाबा चलाते हैं। मेरी मां इस काम में उनकी मदद करती है। भाई ने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश शुरू की है और बहन की शादी हो चुकी है।

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चिंगखाम 2016 में एएसआई पुणे आए औऱ वहीं के होकर रह गए। पुणे तक के अपने सफर के बारे में चिंगखाम ने कहा, -2014 में मैंने एक नेशनल इवेंट में पदक जीता था। इसके एक साल के बाद एएसआई पुणे में एक ट्रायल आयोजित हुआ है, जिसमें मैंने अच्छा परफार्म किया और फिर मेरा सेलेक्शन हो गया।

मैं 2016 से मैं पुणे में ही प्रैक्टिस कर रहा हूं। चिंगखाम भारत के लिए इंटरनेशनल स्तर पर भी खेल चुके हैं। इस साल फरवरी में वह दोहा में आयोजित ग्रां प्री में खेले और उससे पहले वह 2022 फरवरी में कामनवेल्थ चैंपियनशिप में खेले थे।

इस चैंपियनशिप में उन्होंने टीम गोल्ड जीता था और ग्रां प्री में अच्छे परफार्मेंस के साथ अपनी रैंकिंग बेहतर की थी। फेंसिंग में कैसे आए- इस सवाल के जवाब चिंगखाम ने कहा, -मेरे गांव में एक एकलव्य नाम के लड़का है। वह इस खेल में काफी अच्छा है। उसने कई मेडल जीते हैं।

उसे देखकर मेरे जैसे कई बच्चे इस खेल मे आने के लिए इंस्पायर हुए। मैंने भी जब पहली बार इस खेल को अपनाया तो मुझे अच्छा लगा। चिंगखाम मानते हैं कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एक बेहतरीन प्लेटफार्म है क्योंकि यहां खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलती हैं।

चिंगखाम ने ,-यह एक अच्छा कम्पटीशन है। खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफार्म मिलता है। यहां अच्छे खिलाड़ी आते हैं और सुविधाएं भी बहुत अच्छी होती हैं। बेंगलोर में बहुत अच्छी व्यवस्था थी। मैं अपने दूसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए काफी रोमांचित हूं।

चिंगखाम देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना चाहते हैं। अपने सपने के बारे में इस होनहार खिलाड़ी ने कहा, – देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना मेरा सपना है। मैंने अपने लिए 2028 ओलंपिक को टारगेट किया है और इसी हिसाब से प्रैक्टिस कर रहा हूं। मैं देश के लिए पदक जीतने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दूंगा।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण का आयोजन 25 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश के चार शहरों-लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर औऱ वाराणसी में होगा। केआईयूजी उत्तर प्रदेश 2022 में देश भर के विभिन्न संस्थानों से लगभग 4,000 एथलीट शामिल होंगे। अंडर-27 कैटेगरी में, 21 प्रकार के खेलों में सभी एथलीट्स पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

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