सूरत। तेलंगाना के बी साई प्रणीत ने सोमवार को यहां 36वें राष्ट्रीय खेलों की बैडमिंटन मिश्रित टीम स्पर्धा में फॉर्म में चल रहे केरल के बहुचर्चित खिलाड़ी एचएस प्रणय को 18-21, 21-16, 22-20 से हराकर अपनी टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की।
उनकी जीत सुमीत रेड्डी और सिक्की रेड्डी की पति-पत्नी की जोड़ी के एक और शानदार प्रदर्शन से भी ऊंची थी, जिन्होंने रोमांचक मुकाबले में एमआर अर्जुन और ट्रीसा जॉली की युवा जोड़ी को 21-15, 14-21, 21-14 में पराजित किया।
इसके बाद सामिया फारूकी ने तब टीआर गौरीकृष्णा को 21-5, 21-12 से हराकर तेलंगाना को जश्न मनाने के लिए एक और बड़ा अवसर दिया। कोर्ट पर जैसे भी जीत मिली हो,
लेकिन तेलंगाना ने रणनीति के मोर्चे पर भी बाजी मारी। उसने अनुभवी जोड़ी सुमीत और सिक्की को विष्णुवर्धन गौड़ और गायत्री गोपीचंद पर तरजीह देकर शुरुआती मिश्रित युगल मैच में उतारने का फैसला किया, जो महाराष्ट्र के खिलाफ हार गए थे।
सुमीत ने जीत के बाद कहा, “हमने कोच को हमें बाहर रखने का विकल्प दिया था।’’ भले ही वे दोनों आखिरी बार थाईलैंड ओपन 2021 में एक साथ खेले थे। यह जोड़ी शुरुआत में लड़खड़ा गई क्योंकि तेज-तर्रार अर्जुन और ट्रीसा ने 5-2 की शुरुआती बढ़त बना ली थी।
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सिक्की ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम लंबे समय के बाद खेल रहे थे। हम एक साथ अभ्यास भी नहीं करते हैं क्योंकि हम अक्सर बहस में पड़ जाते हैं। हमें लय में आने में थोड़ा समय लगा। लेकिन एक बार जब हमें अपनी पकड़ बनाई, तो हम एक अच्छी लय में आ गए।’’
हालांकि, केरल की जोड़ी ने दूसरा गेम जीतने के लिए संघर्ष किया, जिसमें अर्जुन ने बैकलाइन से शक्तिशाली स्मैश भेजे और ट्रीसा नेट पर कुशलता से खेल रही थीं। तीसरा गेम 12-12 तक बराबरी की टक्कर का था, फिर रणनीति में बदलाव करना तेलंगाना के पक्ष में काम कर गया।
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सिक्की ने स्पष्ट किया, “मुझे लगता है कि मैच का निर्णायक मोड़ तब आया जब मैंने विविधता के साथ अपनी सर्विस करनी शुरू की और उन्हें किसी तरह की लेंग्थ नहीं दी।’’ अगला मैच ज्यादा महत्वपूर्ण था, प्रणय के साथ था, जो वर्तमान में वर्ल्ड रैंकिंग में 16वें स्थान पर हैं और अपने ड्रीम सीजन का लुत्फ उठा रहे है। वह इस मैच में दावेदार थे।
इस ड्रीम सीजन का आनंद ले रहे प्रणीत ने कहा, “मुझे पता था कि यह एक कठिन मैच होगा, खासकर जब हम एक-दूसरे के खेल को जानते हैं क्योंकि हम अक्सर एक साथ ट्रेनिंग करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे मुझे अपने स्ट्रोक मिल गए।’’
पहला गेम जमकर खेला गया। प्रणीत ने कुछ अनफोर्स गलतियां कीं, जबकि प्रणय अपने हरफनमौला खेल के साथ अच्छे दिखे। 18-18 तक मुकाबला बराबरी का चल रहा था। इसके बाद प्रणय ने कुछ अच्छे नपे-तुले शॉट्स लगाकर गेम अपने नाम की।
प्रणीत दूसरे गेम में पूरी लय में थे और उन्होंने अपने लगातार दमदार शॉट्स से प्रणय को गलतियां करने पर मजबूर कर दिया। वह 13-7 की बढ़त की लेकर आगे बढ़ते गए और गेम जीतकर स्कोर 1-1 कर दिया। तीसरे गेम में भी प्रणीत ने 13-7 की अच्छी बढ़त बना ली और फिर प्रणय ने वापसी करते हुए स्कोर 18-18 की बराबरी पर ला दिया।
प्रनीत ने समझाया, “मैं अचानक से स्तब्ध रह गया क्योंकि प्रणय ने एक तेज खेल खेलना शुरू कर दिया था। शटल के भी धीरे-धीरे आने के कारण, मुझे थोड़ा पीछे जाना पड़ा। लेकिन सौभाग्य से, मैंने अपनी खुद पर काबू रखा और इस महत्वपूर्ण जीत को हासिल किया। इससे मेरा मनोबल बढ़ेगा।”