अवसर और परंपरा का संगम बना अयोध्या में आयोजित यूपी रीजनल ट्रेड शो

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अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग और फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में चल रही उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय व्यापार प्रदर्शनी (UPRTS) के दूसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग और फिक्की की पहल से उद्यमियों को मिला बाज़ार, ज्ञान और नेटवर्किंग का सर्वोतम मंच

शनिवार को दिनभर चले इन सत्रों में सरकारी योजनाओं के लाभ, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के सशक्तिकरण में और पारंपरिक उद्योगों की भूमिका पर वक्ताओं ने विस्तार से चर्चा की।

रीजनल ट्रेड शो अवसर और परंपरा का संगम प्रस्तुत करते हुए उद्यमियों को नए बाजार, ज्ञान और नेटवर्किंग के अनमोल अवसर प्रदान कर रहा है।

आयोजन के दूसरे दिन के पहले सत्र का विषय था ‘उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होना’।

फिक्की द्वारा आयोजित रीजनल ट्रेड शो के दूसरे दिन सरकारी योजनाओं, बाजार और पारंपरिक उद्योगों की भूमिका पर विस्तार से हुई चर्चा

इसमें मुख्य वक्ता उमेश चंद्रा, संयुक्त आयुक्त – उद्योग, उत्तर प्रदेश सरकार, ने राज्य सरकार की उद्यम प्रोत्साहन नीतियों की जानकारी दी और उद्यमियों से इनका अधिकतम लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार नीतिगत सुधारों को लागू कर रही है।

इसके बाद आयोजित दोपहर के सत्र में ‘फिक्की उत्तर प्रदेश रीजनल ट्रेड शो और बायर-सेलर मीट्स के माध्यम से सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों और उद्यमियों का सशक्तिकरण’ विषय पर डॉ. आनंद कुमार दुबे, चीफ प्रॉक्टर, महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय, ने अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से उद्यमियों को न केवल नेटवर्किंग के अवसर मिलते हैं बल्कि व्यापार विस्तार की नई राहें भी खुली हैं।

तीसरे सत्र में ‘व्यापार विकास और सांस्कृतिक प्रचार के लिए मार्केटिंग मेलों का लाभ उठाना: फिक्की की भूमिका और उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी पहल से निकले निष्कर्ष’ विषय पर चर्चा हुई।

इसमें डॉ. जया सिंह, सहायक प्रोफेसर, महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय, ने सरकार द्वारा शुरू की गई एक जिला-एक उत्पाद (ODOP) जैसी पहल के बारे में चर्चा की और बताया कि कैसे यह स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और पारंपरिक कला के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

दिन का समापन ‘परंपरा का पुनरुद्धार, विकास की ओर: भारत के आर्थिक परिवर्तन में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों और खादी ग्रामोद्योग की भूमिका’ विषय पर आधारित सत्र से हुआ।

इस दौरान डॉ. राम लखन सिंह, सहायक प्रोफेसर (अर्थशास्त्र), और डॉ. ऋषि राज, सहायक प्रोफेसर, ने बताया कि किस प्रकार खादी और ग्रामोद्योग जैसे पारंपरिक उद्योग ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से नई गति दे सकते हैं।

ट्रेड शो का दूसरा दिन विचार-विमर्श और अनुभव-साझा करने का केंद्र बना रहा। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नीतियाँ, ओडीओपी जैसी पहलें और फिक्की जैसे संगठनों का सहयोग मिलकर राज्य की औद्योगिक प्रगति को नई दिशा दे रहे हैं।

उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और फिक्की की साझेदारी में 17 से 19 अक्टूबर तक चलने वाले इस व्यापार महोत्सव का समापन रविवार को होगा।

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