सहज प्रीत सिंह संधू को देख कर परिवार के दो और लोगों ने शुरू की निशानेबाजी

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गौतम बुद्ध नगर / नई दिल्ली । निशानेबाजी की शौक ने पंजाब के रहने वाले सहज प्रीत सिंह संधू को शॉट गन के खेल में लेकर आया। गन चलना शुरू किया तो लोगों को कुछ अटपटा लगा लेकिन मैंने इस गन से मेडल जितना है। यह सोच कर इसे चलाना शुरू किया।

15 वर्ष की उम्र में मैंने जब शूटिंग शुरू की तो बहुतो को आश्चर्य हुआ कि यह लड़का क्या कर रहा है लेकिन मेरे माता पिता ने स्पोर्ट किया और आज मै खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पंजाबी यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।

सहज प्रीत पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले हैं और वह कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि सरकार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के द्वारा आने वाले समय युवा खिलाड़ियों की एक समृद्ध फौज खड़ी कर देगी। इस गेम्स से निकले खिलाड़ी न सिर्फ अपने बल्कि देश का नाम दुनिया मे रोशन करेंगे।

पंजाब के युवाओं में खेल के खेल को लेकर एक अलग तरह का पैसन

वह बताते हैं कि उनके परिवार या रिश्तेदार में कोई भी शॉट गन में या स्पोर्ट में नही है लेकिन आज उनको देख कर उनका भाई और एक रिश्तेदार निशानेबाजी मे आ गए हैं। उनका कहना है कि निशानेबाजी बहुत ही महंगा खेल है और इसके समान विदेशो से आते हैं जो काफी महंगे है।

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सरकार को चाहिए कि शॉट गन का सामान भी मेड इन इंडिया बनाये। ताकि हम भी देशी उपकरण से दुनिया के इस महंगे खेल को आसानी से खेल सके। इससे यह भी होगा कि निशानेबाजी में ज्यादा युवा आएंगे जिससे इंटरनेशनल खेलो में ज्यादा मेडल भारत के खिलाड़ियों को मिलेगा।

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