पर्यावरणीय मुद्दों के लिए समय से उचित नीतियां बनाने की दरकार

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लखनऊ। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी (नेसा) के संयुक्त तत्वाधान में ग्रीन केमिस्ट्री, प्रदूषण रोकथाम एवं जलवायु परिवर्तन पर आधुनिक प्रवृत्तियों एवं चुनौतियों पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्घाटन गुरुवार को किया गया।

एनबीआरआई एवं राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी के समन्वय से पर्यावरणीय मुद्दों पर राष्ट्रीय सम्मलेन शुरू

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर तकनीकी विकास और उनकी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें देखते हुए इस सम्मेलन का विषय बहुत प्रासंगिक है।

उनहोंने इस पर जोर दिया कि अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालय द्वारा इस सम्मेलन की सिफारिशों और कार्यवाही को हितधारकों तक अवश्य पहुचाना चाहिए ताकि इन मुद्दों से निपटने के लिए उचित नीतियां समय पर बनाई जा सकें।

हाल के पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा करते हुए डॉ.चतुर्वेदी ने कहा कि हमें अपनी मानवता को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरनाक परिणामों से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे। उद्घाटन सत्र में संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं सम्मेलन के संयोजक डॉ. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के 19 प्रदेशो के करीब 68 शहरों से 70 से जयादा शैक्षिक व अनुसंधान संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से 200 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हो रहे है।

पर्यावरण विज्ञान पर केन्द्रित इस सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदूषण एवं निस्तारण; जलवायु परिवर्तन; हरित रसायन विज्ञान, पर्यावरण और जैव प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और समसामयिक मुद्दों पर वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों द्वारा 80 से ज्यादा मौखिक प्रस्तुतियां, 110 पोस्टर प्रस्तुतियों के द्वारा परिचर्चाए की जाएगी।

इसके साथ ही देश के नामी विषय विशेषज्ञों द्वारा 13 मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी (नेसा) के कार्यकारी अध्यक्ष आर के सिन्हा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रदूषण एवं उसके दुष्प्रभावों के प्रति राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न कार्यक्रमों/संगोष्ठियों के आयोजन द्वारा हम जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

इससे पूर्व सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने कहा कि इस सम्मेलन द्वारा सृजित निर्देशों एवं सुझावों के द्वारा हमे प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन की नई चुनौतियों के हल खोजने में अवश्य सहायता मिलेगी।

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सम्मेलन में आज मुख्य व्याख्यानों में कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुबनेश्वर की डॉ. संजुक्ता साहू ने एनर्जी एफ़ीसियेंट बिल्डिंग टुवर्ड्स क्लाइमेट चेंज मिटीगेशन पर; लखनऊ यूनिवर्सिटी की डॉ पूर्णिमा वाजपेयी ने रिस्क इम्पोस्ड बाई मैटेलिक नैनोपार्टिकल टू मेडिसिनल प्लांट्स इन एग्री-एनवायरनमेंट पर;

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओसियन टेक्नोलॉजी, चेन्नई के डॉ. डी राजशेखर ने इन्नोवेटिंग फॉर ग्रीन फ्यूचर पर तथा यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास, चेन्नई के डॉ. एम सुरेश गाँधी ने एप्लीकेशन ऑफ़ फॉरअमिनीफेरा फॉर इकोलॉजी एंड पोलूशन मोनिटरिंग स्टडीज पर अपने अपने मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किये।

सम्मेलन फ़्लोरा फौना साइंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक विशेष सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी द्वारा तीसरा प्रो. सुशील कुमार स्मृति व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

इस सत्र में फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ डॉ. एसपीएस खनुजा भी उपस्थित रहे। आज सम्मेलन में प्रतिभागियों द्वारा कुल 28 मौखिक व्याख्यानों एक साथ साथ 28 पोस्टर प्रस्तुतियों को प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली द्वारा विभिन्न वार्षिक सम्मान पुरस्कारों की भी घोषणा की गयी जिनमे मुख्य रूप से:
• नेसा विशिष्ट फ़ेलोशिप अवार्ड-डॉ. ए के सिंह, प्रोफेसर, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बीएचयु, वाराणसी
• नेसा फ़ेलोशिप- देश भर के विभिन्न संस्थानों से 21 विशेषज्ञों/वैज्ञानिकों को चयनित किया गया
• नेसा प्रख्यात वैज्ञानिक पुरस्कार- देश भर के विभिन्न संस्थानों से 10 विशेषज्ञों/वैज्ञानिकों को चयनित किया गया
• नेसा अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पुरस्कार-डॉ. सदानंद मुश्गेरी, कर्नाटक विश्वविद्यालय एवं श्री सितेंदु मंडल, सीएसआईआर-सीजीसीआरआई, कोलकाता
• नेसा हरित प्रौद्योगिकी अवार्ड-डॉ. डी नरेन्द्र कुमार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओसियन टेक्नोलॉजी, चेन्नई एवं डॉ. सुमन पुरोहित, नैनीताल उत्तराखंड काउंसिल फॉर बायोटेक्नोलॉजी
• नेसा विशिष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार- देश भर के विभिन्न संस्थानों से 8 विशेषज्ञों/वैज्ञानिकों को चयनित किया गया
• नेसा कनक सिन्हा स्मृति अवार्ड-डॉ. रचना सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ

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