1 मई से एटीएम से पैसे निकालना महंगा पड़ेगा। आज से एलपीजी सिलेंडर के रेट से लेकर एफडी और बचत खातों के ब्याज में बदलाव हुआ है। रेलवे टिकट की बुकिंग से जुड़े हुए नियम बदले हैं।
एटीएम से पैसे निकालना महंगा : भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम से पैसे निकालने के शुल्क को बढ़ाने का ऐलान किया है। अगर आप एटीएम से नकदी निकाल रहे हैं, जमा कर रहे हैं या अपना बैलेंस चेक कर रहे हैं, तो निर्धारित सीमा के बाद लगने वाले शुल्क में वृद्धि हुई। आज से एटीएम से निशुल्क रकम निकासी की सीमा पार करने के बाद हर निकासी पर 23 रुपये देने होंगे।
अभी यह शुल्क 21 रुपये है। हर महीने बैंक के एटीएम से पांच और दूसरे बैंक के एटीएम से मेट्रो शहरों में तीन या गैर-मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त निकासी मिलती हैं। यह शुल्क बढ़ोतरी एटीएम चलाने की लागत बढ़ने के कारण की गई है।
रेलवे टिकट बुकिंग से जुड़े हुए नियम बदले : रेलवे भी एक मई से टिकट बुकिंग के नियम बदलेगा। अब स्लीपर और एसी कोच में प्रतीक्षा टिकट मान्य नहीं होगा। केवल जनरल कोच में ही प्रतीक्षा टिकट से यात्रा हो सकेगी। टिकट बुकिंग का समय 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। इसके अलावा, किराया और रिफंड शुल्क भी बढ़ सकते हैं।
एलपीजी सिलेंडर हुआ सस्ता : आज 1 मई को कोलकाता में कॉमर्शियल सिलेंडर 1872 रुपये के बजाय अब 1857.50 रुपये का हो गया है। मुंबई में इस सिलेंडर की कीमत 1714.50 रुपये की जगह अब 1699 रुपये और चेन्नई में 1924.50 रुपये की जगह 1910 रुपये में मिलेगा।
एफडी और बचत खातों के ब्याज में बदलाव : बदलावों में ब्याज दरें भी शामिल हो सकती हैं। बताते चले कि आरबीआई ने पिछले महीने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दरों को घटाने का ऐलान किया था। इसके बाद बैंक लगातार अपनी ब्याज दरों में इस कटौती को समायोजित कर रहे हैं। कर्ज, जमा और बचत बैंक इस तीनों खातों पर ब्याज दरें घटाई जा रही हैं। कुछ बैंक अभी और कटौती कर सकते हैं।
प्रवाह पोर्टल से बैंकों का काम होगा सरल : भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 1 मई से सभी बैंकों, वित्तीय कंपनियों और अन्य विनियमित संस्थाओं को प्राधिकरण, लाइसेंस और अनुमोदन के लिए कोई भी आवेदन जमा करने के लिए प्रवाह पोर्टल का उपयोग करना होगा।
पोर्टल में उपलब्ध आवेदन पत्रों का उपयोग करके नियामक प्राधिकरण, लाइसेंस, अनुमोदन के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के लिए प्रवाह का उपयोग करना होगा।
ग्रामीण बैंकों का विलय होगा : 11 राज्यों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो गया है। आज यानी एक मई से एक राज्य, एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की नीति लागू हुई। इस विलय योजना में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं।
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