थारू जनजाति बाहुल्य इस गांव की जल जीवन मिशन ने ऐसे बदली तस्वीर 

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लखनऊ \श्रावस्‍ती। भारत के आखिरी गांव की उम्‍मीदों को जल जीवन मिशन सींच रहा है। उत्तर प्रदेश के श्रावस्‍ती जिले के नेपाल की सीमा से लगे बनकटी गांव की तस्‍वीर को जल जीवन मिशन ने बदल दिया है। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की हर घर जल योजना से थारू जनजाति की किस्‍मत बदल रही है।

जल जीवन मिशन में  हर घर जल योजना से एक ओर समुदाय के लोगों को स्‍वच्‍छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित होने के साथ एफटीके प्रशिक्षण से बेटियां व महिलाएं आत्‍मनिर्भर बन रहीं हैं। श्रावस्‍ती की ग्राम पंचायत भचकोही के बनकटी गांव में कुल 116 हाउसहोल्‍ड हैं और यहाँ 765 थारू जनजाति निवास करती है।

आत्‍मनिर्भरता की नई इबारत

गांव की थारू महिलाएं व बेटियां एफटीके प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़कर जल जीवन मिशन के जरिए दूसरों को भी जागरूक करने का काम कर रहीं हैं। साल 2017 में महिलाएं और बेटियां घर की चौखट तक सीमित थीं, पर  अब जल जीवन मिशन से थारू महिलाएं और किशोरियां हर 10 दिन में क्षेत्र में जल परीक्षण कर जल की जांच कर रहीं हैं।

आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की अधिक मात्रा से जूझ रहे श्रावस्‍ती में महिलाओं को दिए गए एफटीके प्रशिक्षण द्वारा जल की गुणवत्‍ता की जांच होने से दूषित जल की समस्‍या का निदान हुआ है। जल श्रोतों पर पहुंचकर जल गुणवत्ता के 12 मानकों की जांच महिलाएं कर रही हैं।

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थारू जनजाति की बेटियां स्‍वच्‍छ जल की अलख जगाने का कार्य कर रहीं हैं। मोनिका राना, निरमा, सुमलाना और शंकिता के साथ मिलकर अन्‍य थारू महिलाएं भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़कर आत्‍मनिर्भर यूपी की एक नई इबारत लिख रहीं हैं।

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