लखनऊ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा, विश्व कल्याणी भवन, खुर्शीदबाग फाटक, गणेश गंज, लखनऊ में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के वरिष्ठ भ्राता ब्रह्मा कुमार बद्री विशाल ने गुरु के महत्व को बताते हुए कहा की भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान परमात्मा से ऊपर है।
गुरु पूर्णिमा का शुभारंभ आषाढ़ मास की पूर्णिमा को इसलिए हुआ क्योंकि इस दिन परमात्मा शिव ने सप्त ऋषियों को ज्ञान दिया था तथा इसी दिन वेदव्यास जी ने अपने पांच मुख्य शिष्यों को भागवत कथा सुनाइए थी। गुरु पूर्णिमा के पश्चात, गुरु लोग चातुर्मास में चले जाते हैं, शादी विवाह आदि के कार्यक्रम स्थगित रहते हैं।
क्योंकि वर्षा ऋतु में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, इसलिए भारतीय संस्कृति में यह विधान है की शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बाहर आना जाना और बाहरी खानपान को रोका जाए।
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लोग अपने स्थानों पर रहकर विशेष सावन मास में शिव का ध्यान करें और आंतरिक शक्ति का विकास करें, ताकि मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से लोग स्वस्थ और सशक्त रहें।
इस अवसर पर संस्था की स्थानीय शाखा की प्रबंधिका ब्रह्माकुमारी इंदिरा दीदी का संस्था के अनुयायियों ने गुरु रूप में सादगी के साथ स्वागत और सम्मान किया।
दीदी ने कहा कि गुरु दक्षिणा के रूप में आप सभी अपने संकल्प, बोल और कर्म से अपने मात पिता का नाम रोशन करें, मैं सिर्फ यही चाहती हूं। कार्यक्रम के समापन में सभी को ब्रह्मा भोजन कराया गया तथा प्रसाद वितरित किया गया।