लखनऊ: टॉप्स डेवलपमेंट फेंसिंग (एपी) एथलीट तनिष्का खत्री अपने निजी जीवन में अपने पुलिस अधिकारी पिता और खेल जीवन में पूर्व विश्व चैंपियन ब्राजील की नेथली मोएलहाउसेन से प्रेरणा लेती हैं। 19 साल की तनिष्का ने इनसे मिली सीख की बदौलत अब तक कई लड़ाइयां जीती हैं और अब वह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण में अपनी तलवार का लोहा मनवाने को तैयार हैं।
हरियाणा के करनाल की निवासी तनिष्का गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में बीए फाइनल ईयर की छात्रा हैं और वह पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लेने जा रही हैं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण का आयोजन इस बार उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
पहली बार इन खेलों की मेजबानी कर रहे उत्तर प्रदेश ने खेलों के आयोजन के लिए चार शहरों- लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर और वाराणसी का चयन किया है।
साल 2020 में टॉप सूची में आईं तनिष्का के पिता पिता हरियाणा पुलिस में एएसआई हैं। मां हाउसवाइफ हैं। एक बड़ा भाई है जो कनाडा में रहता है। तनिष्का ने बताया कि वह अपने निजी जीवन में अपने पिता से सीख लेती हैं और खेल जीवन में मोएलहाउसेन से मिली सबक को उतारने की कोशिश करती हैं।
तनिष्का ने कहा,- निजी जीवन की बात करें तो अपने पिता को आइडल मानती हूं क्योंकि उन्होंने मुझे सिखाया है कि कभी भी हार नहीं मानना चाहिए। अगर हार भी जाते हैं तो फिर से उठ खड़ा होना चाहिए। और जहां तक फेंसिंग की दुनिया की बात है तो मैं ब्राजीली फेंसर नेथली मोएलहाउसेन (Nathalie Moellhausen) से प्रभावित हूं।
मैंने नेथली के साथ पेरिस में पांच महीने की ट्रेनिंग की है। मैंने नेथली से बहुत कुछ सीखा। मैंने उनसे सीखा कि एक एथलीट की लाइफ में सबसे अधिक जरूरी परफार्मेंस होता है।
नेथली के साथ अपनी मुलाकात की बातों को विस्तार देते हुए तनिष्का ने कहा, -नेथली 2019 में विश्व चैंपियन बनीं लेकिन इसके बाद तीन-चार साल तक उनके जीवन में ब़ड़े खिताबों और पदकों का सूखा रहा। मैंने उनसे जानना चाहा कि खराब दौर से गुजर रहे होने के दौरान वह किस तरह खुद का मनोबल बनाए रखती थीं।
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साथ ही उन्होंने मुझे बताया कि कम्पटीशन के दौरान कैसे खुद को फोकस्ड रखना चाहिए। इस खेल में कैसे आना हुआ। इसके जवाब में तनिष्का ने कहा,-साल 2015 में हमारे स्कूल- डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल (करनाल) में समर कैंप लगा था। उसी दौरान मैंने पहली बार फेंसिंग में हाथ आजमाया।
मुझे यह गेम अच्छा लगा और फिर मैंने इसे कंटिन्यू करने का फैसला किया। तनिष्का के पास नेशनल और इंटरनेशनल स्तर का ढेर सारा अनुभव है। वह सात साल से सीनियर नेशनल और कैडेट नेशनल खेल रही हैं। मौजूदा समय में वह भारत में जूनियर और सीनियर कैटेगरी में नम्बर-1 फेंसिंग एपी खिलाड़ी हैं।
अपनी अब तक की उपलब्धियों पर तनिष्का ने कहा, -मैंने कामनवेल्थ चैंपियनशिप, जो 2022 में लंदन में हुआ था और जूनियर एशियन चैंपियनशिप, जो उज्बेकिस्तान में 2022 में हुआ था, में सिल्वर मेडल जीता है।
तनिष्का का सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है। तनिष्का ने कहा,- मेंने अपने लिए 2028 ओलंपिक का टारगेट रखा है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बारे में तनिष्का ने कहा कि इस तरह के आयोजन खिलाड़ियों को एक्सपोजर देते हैं, जो बहुत जरूरी है।
बकौल तनिष्का, -खेलो इंडिया बैनर के तले जितने भी गेम्स होते हैं, वे सभी युवा एथलीटों के लिए बहुत जरूरी हैं। एथलीट जितने ज्यादा कम्पटीशन खेलेंगे, उतना अधिक एक्सपोजर और एक्सपीरिएंस होगा और इसी के आधार पर वे अपने गेम को इम्प्रूव कर सकते हैं।