अयोध्या में ट्रेड शो ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में किया मार्ग प्रशस्त

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अयोध्या: महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग और फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश रीजनल ट्रेड शो और बायर-सेलर मीट का रविवार को समापन हुआ।

उद्यमियों, शिल्पकारों और ओडीओपी उत्पादकों के लिए यह मंच न केवल अनुभव साझा करने का अवसर रहा, बल्कि उनके उत्पादों को पेश करने और बाजार तक पहुंच बनाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ

आयोजन के समापन सत्र में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान प्रो. एस. जी. रंजन और प्रो. बिंदू रंजन ने तकनीकी सत्र में अपने विचार साझा किए।

महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय से डॉ. सुरेंद्र विक्रम, डॉ. आनंद कुमार दुबे, डॉ. जया सिंह, डॉ. राम लखन सिंह और डॉ. ऋषि राज ने तकनीकी सत्रों में सक्रिय सहभागिता निभाई। उद्योग विभाग की ओर से सविता रंजन, उमेश चंद्रा और अमरेश पांडेय वैलिडेटरी सत्र में उपस्थित रहे।

रीजनल ट्रेड शो के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई, खादी, ग्रामोद्योग, रेशम उत्पादन और वस्त्र मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा, “दीपोत्सव के इस शुभ अवसर पर भी आप सभी ने तीनों दिन तक सक्रिय रूप से इस रीजनल ट्रेड शो में समय दिया। यह इस बात का प्रमाण है कि हमारे उद्यमी और शिल्पकार प्रदेश के विकास के लिए कितने समर्पित हैं।”

उन्होंने कहा, “आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, तो राज्य सरकार भी उसी दृष्टिकोण को आगे ले जा रही है।

प्रदेश की एमएसएमई इकाइयाँ, शिल्पकार और ओडीओपी के माध्यम से यह दिखा रही हैं कि स्थानीय स्तर से कैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान दिया जा सकता है।”

उन्होंने बताया, “सरकार के प्रयासों से टैक्स संरचना को भी सरल और उद्यमियों के अनुकूल बनाया गया है। इसका असर साफ दिख रहा है, बाजारों में रौनक लौटी है, बिक्री बढ़ी है और छोटे उद्यमों को राहत मिली है। यह सुधार एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है।

अयोध्या जैसी पवित्र और पर्यटन नगरी में इस ट्रेड शो का आयोजन अपने आप में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आज पूरे देश और दुनिया की नज़रें अयोध्या पर हैं।

इस आयोजन की एक बड़ी विशेषता यह रही कि फिक्की द्वारा शिल्पकारों और आर्टिजन को डिज़ाइन और पैकेजिंग का प्रशिक्षण दिया गया। इससे उन्हें बाज़ार की मांग को समझने, अपने उत्पादों की प्रस्तुति को बेहतर बनाने और प्रतिस्पर्धी स्तर पर टिके रहने की नई दिशा मिली है।”

यह पहला अवसर है जब रीजनल ट्रेड शो को इस स्तर पर आयोजित किया गया और इसकी शुरुआत उत्साहजनक रही। आगे आने वाले आयोजनों में जो सुधार आवश्यक होंगे, सरकार और आयोजन समिति मिलकर उन पर कार्य करेंगी ताकि यह पहल और सशक्त हो।”

समापन सत्र के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए यूपीटीपीए के सीईओ उमेश चंद्रा ने कहा कि सरकार स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी।

मंत्री के दिशा निर्देश और अमूल्य सुझाव भविष्य के कार्यक्रमों में अवश्य परिलक्षित होंगे ताकि भविष्य में होने वाले आयोजनों से और बेहतर परिणाम प्राप्त हों।”

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