यूपीएसआईएफएस में “ट्रेनर्स आफ ट्रेनिज” के अंतिम बैच का प्रशिक्षण पूरा

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लखनऊ:  मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ से मिले निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ द्वारा दिसंबर 2024 से अब तक चले ‘‘ट्रेनर्स ऑफ ट्रेनिज’’ विशेष कोर्स में प्रदेश पुलिस के 400 से अधिक निरीक्षक/उपनिरीक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

400 से अधिक निरीक्षक व उप निरीक्षकों को यूपीएसआईएफएस ने किया प्रशिक्षित

यूपीएसआईएफएस ने इन निरीक्षक/उपनिरीक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कुल 10 वें बैच आयोजित किये जिसमे प्रदेश के विभिन्न जनपदों के निरीक्षक/उपनिरीक्षकों एवं प्रशिक्षण संस्थानो में नियुक्त प्रशिक्षकगण सहित अभियोजन अधिकारियों ने प्रतिभाग किया था।

आज इस समापन समारोह के मुख्य अत्तिथि अपर पुलिस महानिदेशक,कानून व्यवस्था उ0 प्र0 अमिताभ यश थे जिन्हें संस्थापक निदेशक डॉ जी के गोस्वामी ने स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित कियाl

इस अवसर पर मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक,कानून व्यवस्था उ0 प्र0 अमिताभ यश ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने प्रदेश के नवोदित संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया इसके आप सभी को बधाई है, आप सभी ने यहॉ से आज के समय की आवश्यकतानुसार वर्तमान पुलिसिंग में जरूरत पड़नें वाली बारिकियों को सीखा यह और महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जिस आशय से यहॉ प्रशिक्षण दिया गया है उस आसय को पूर्ण करें तभी इस संस्थान की मेहनत सफल होगी। विद्या होना अलग बात है लेकिन उसका समय से उपयोग होना अलग बात है। मुझे उम्मीद है आप लोग पुलिस की नई पीढियों को यहॉ के ज्ञान से अवगत कराते हुए प्रशिक्षित करेंगे।

अमिताभ यश यहां के प्रशिक्षण व्यवस्था के दृष्टिगत कहा कि यह संस्थान एक दिन देश में ही नहीं अपितु विश्व स्तर पर अपना स्थान बनायेगा क्योंकि डॉ.जीके गोस्वामी की मेहनत यहां स्पष्ट दिख रही है। उन्होंने कहा कि जब भी हम कोई कार्य सफल रूप से कर ले जाते हैं तो हमें स्वयं आत्म संतुष्टी मिलती है।

प्रशिक्षण का झलक हमारे कार्य और केस डायरी में दिखनी चाहिए, हमारा कार्य ऐसा हो की डिफेन्स के वकील को मौका न मिले चाहे वह साक्ष्य संकलन का मामला हो या साक्ष्य को प्रयोगशाला में भेजने का हो।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रेक्टिकल ज्ञान ही हमारे आत्मविश्वास को बढाता है फिर आप का परिक्षण कहीं भी हो आपका आत्म विश्वास नहीं डिगेगा। उन्होंने कहा कि डीएनए क्या है यह जानना जरूरी नहीं है, लेकिन डीएनए का कांसेप्ट क्या है यह जानना महत्वपूर्ण है।

संस्थान के अपर पुलिस महानिदेशक /संस्थापक निदेशक डॉ जी.के.गोस्वामी ने कहा कि यह प्रशिक्षण जुलाई 2023 में बने तीन नए कानून के आलोक में मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के क्रम में कराया गया है। उन्होंने संसथान मे विभिन्न प्रचलित कोर्स के विषय में जानकारी दी, उन्होंने फोरेंसिक कि जानकारी देते हुए कहा कि अब डिजिटल प्लेटफार्म पर ज्यादे हो रहे हैं क्योंकि सडको पर अपराधी को ज्यादा जोखिम है।

इसलिये आज अपराधी साइबर अपराधों में संलिप्त हो रहा है। आज पुलिस के लिए यह सबसे बड़ी चुनौति है, उन्होंने कहा कि यह युग आर्टिफीशियल इन्टेलिजेन्स का है

इसलिए एआई के सभी पहलुओं पर फोकस आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान का फोकस “ ला विद लैब” पर विशेष रूप से है क्योकि जब तक “ला” वाले व्यक्ति को “लैब” कि जानकारी नहीं होगी और “लैब” वाले व्यक्ति को “ला” कि जानकारी नहीं होगी तब तक इस क्षेत्र की सम्पूर्णता नहीं हो सकती। अगर आप बेहतर ढंग से प्रशिक्षित होगें तो निश्चित रूप से सरकार का उदेद्श्य पूर्ण होगा।

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इस अवसर पर संस्थान के उप निदेशक राजीव मल्होत्रा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि आप सभी प्रशिक्षणार्थी इस संस्थान द्वारा वर्तमान परिवेश के दृष्टिगत एक सप्ताह हेतु डिजायन कैप्सूल कोर्स का भरपूर लाभ प्राप्त कर और जनपदों में जाकर थाने स्तर पर भी अन्य पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करें।

उन्होंने सभागार में मुख्य अतिथि सहित सभी का आभार व्यक्त किया मंच का सञ्चालन जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रशिक्षण सत्र में प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, फेकल्टी विवेक, निरीक्षक उस्मान, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।

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