अयोध्या। रामनगरी में हुयी दो दिवसीय इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) के प्रैक्टिसिंग कंपनी सचिवों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्र के विकास में कॉर्पोरेट जगत की भूमिका और स्टार्टअप्स, फिनटेक और एमएसएमई के लाभ उठाने आदि विषयों पर चर्चा हुयी।
वहीं विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिये स्किल, स्केल, स्पीड और सस्टेनेबिलिटी को अपनाने पर जोर दिया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन असीम अरुण, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, उत्तर प्रदेश ने किया था।
जिसमें उन्होंने कहा कि सेक्रेट्रीज गुणवत्ता नियंत्रण में अहम भूमिका निभाते हैं। ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत को विश्वगुरु भारत बनाने में इनका सहयोग बेहद आवश्यक है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विकसित भारत वर्ष 2047 में कंपनी सेक्रेट्रीज की भूमिका और देश की प्रगति तथा विकास के लिए चर्चा की गयी।
सम्मेलन में असीम अरुण , राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार के अलावा नीतीश कुमार, आईएएस, जिला मजिस्ट्रेट, अयोध्या, विशिष्ट अतिथि थे।
मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा यह सम्मेलन विकसित भारत के विचार का ही एक रूप है। हम सभी सामाजिक समावेश और स्थिरता की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं।
भारत में सस्टेनेबिलिटी सदियों पुरानी अवधारणा रही है, जिसे की इनोवेशन और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की जरूरत है। मैं कंपनी सचिवों से आग्रह करता हूं कि विश्व गुरु बनने से पहले, आइए हम सब मिलकर विश्व शिष्य बनने का प्रयास करें और दुनिया से सीखने के सभी अवसरों का लाभ उठाएं।
समावेशिता को अपनाने पर जोर देते हुए नीतीश कुमार ने कहा सुशासन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक, सभी को साथ लेकर चलना है। क्षेत्र के विशेषज्ञों के रूप में, कंपनी सचिव ही ऐसी नीतियां विकसित करने में मदद कर सकते हैं जो देश में व्यापक बदलाव लाने के मानदंड निर्धारित करती हों।
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आईसीएसआई के अध्यक्ष बी. नरसिम्हन ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4 एस अर्थात स्किल, स्केल, स्पीड और सस्टेनेबिलिटी को अपनाने के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कंपनी सचिवों को अधिक व्यापक जीडीपी (शासन, विकास और प्रदर्शन) के लिए एकाग्र प्रयास करने चाहिए।
सीएस पेशे के ये 25 प्रतिष्ठित वर्ष देश में सुशासन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में उद्योगपति, वरिष्ठ कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स, नियामक निकायों के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारक भाग लिया।