लखनऊ : प्रदेश सरकार ने शासकीय आदेशों की अवहेलना, कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही बरतने पर नगर निगम आगरा एवं लखनऊ के दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
इसमें नगर निगम आगरा में उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयित) स्वास्थ्य सेवा के जोनल सेनेटरी ऑफीसर महेश चन्द्र को शासकीय आदेशों की अवहेलना व अवचार पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
नगर निगम लखनऊ में जोन-7 के अधिशासी अभियंता बिजेन्द्र पाल किए गए निलम्बित
इसी प्रकार नगर निगम, लखनऊ में जोन-7 के अधिशासी अभियंता (सिविल) बिजेन्द्र पाल को अपने पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता व लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। इन दोनों निलम्बित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति भी कर दी गई है।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शुक्रवार को निलम्बन आदेश जारी कर दिया है। जारी ओदश में कहा गया है कि नगर निगम आगरा के जोनल सेनेटरी ऑफिसर को दिसम्बर 2023 में नगर निगम मथुरा-वृन्दावन में इसी पद पर तैनाती के आदेश दिए गए थे।
नगर निगम आगरा के जोनल सेनेटरी ऑफीसर महेश चन्द्र निलम्बित किये गये
जिस पर महेश चन्द्र द्वारा नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया। साथ ही इस अनुशासनहीनता पर उनका स्पष्टीकरण मांगने पर भी उन्होंने शासकीय आदेशों की अवहेलना की थी।
इसी प्रकार लखनऊ नगर निगम में जोन-7 के अधिशासी अभियन्ता (सिविल) श्री बिजेन्द्र पाल द्वारा अपने क्षेत्रों में नाला सफाई के कार्य को समय से न कराये जाने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन निष्ठापूर्वक न किये जाने तथा कार्यों में रूचि न लेने आदि के कारण निलम्बित किया गया है।
निलम्बित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी संस्तुत
नगर निगम लखनऊ की महापौर द्वारा जोन-7 स्थित लोहिया नगर, शंकर पुरवा द्वितीय, इन्दिरा नगर वार्ड के पास के नालों की सफाई कार्यों का औचक निरीक्षण किया गया था, जिसमें कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगरीय निकायों के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि विभागीय कार्यों में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने तथा शासकीय आदेशों की अवहेलना पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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किसी भी कार्मिक का ऐसा वर्ताव स्वीकार नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री की अपेक्षा एवं मंशानुरूप सभी कार्मिकों को अपने पदीय दायित्वों व कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन तत्परता से करना होगा, जिससे कि प्रदेश की जनता को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले और उनकी पेरशानियों का समय से समाधान हो सके।