लखनऊ। दिव्यांग व मानसिक मंदित खिलाड़ियों को खेलों के माध्यम से नई ऊर्जा देने के लिए कार्य कर रही संस्था ‘स्पेशल ओलंपिक भारत’ की यूपी इकाई के नए पदाधिकारियों का चुनाव बुधवार को सर्वसम्मति से हुआ।
स्पेशल ओलंपिक उत्तर प्रदेश’ की नई कार्यसमिति में अध्यक्ष मुकेश शुक्ला, उपाध्यक्ष श्रीमती सरस्वती नंदा, महासचिव संजीव, कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह और स्पोर्ट्स एक्सपर्ट के तौर पर पराग अग्रवाल चुने गए है।
स्पेशल ओलंपिक उत्तर प्रदेश’ की नई कार्यसमिति में अध्यक्ष मुकेश शुक्ला और महासचिव होंगे संजीव
पेरेंट्स कैटेगरी में पेरेंट्स रिप्रेजेंटेटिव अभिषेक चतुर्वेदी होंगे। वहीं डिसेबिलिटी एक्सपर्ट जितेंद्र मिश्रा, फाइनेंस केटेगरी व बिजनेस एक्सपर्ट ललित जायसवाल चुने गए है जो म आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में स्पेशल ओलंपिक को आगे बढ़ाने का काम करेगी।
इन चुनावों के बाद आयोजित स्पेशल ओलंपिक उत्तर प्रदेश की वार्षिक सामान्य सभा में मुख्य अतिथि के तौर पर असीम अरुण (मंत्री- सामाजिक न्याय मंत्रालय, उत्तर प्रदेश) मौजूद रहे।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने आगामी योजनाओं के बारे में कहा कि तेजी से चलने वाले मेंबरशिप ड्राइव, स्पेशल बच्चों का उपयोगी स्टेशन सहित अनेक कार्यक्रमों की योजना आगामी 1 वर्षों के लिए बनाई गई है।
स्पोर्ट्स एक्सपर्ट के तौर पर दिग्गज टेबल टेनिस कोच पराग अग्रवाल का हुआ चुनाव
उन्होंने कहा कि आगामी योजनाओं में पूरे उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय इकाई बनाई जाएगी, जो स्पेशल बच्चों और उनके विकास के लिए कार्य करेंगी। इसके साथ ही स्पेशल बच्चों के लिए समर्पित एक निशुल्क हेल्पलाइन नंबर प्रदेश में आरंभ की जाएगी।
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इसके माध्यम से इन बच्चों को प्रॉपर गाइडेंस, उनकी देखभाल व उनके लिए उपलब्ध सुविधा या व्यवस्थाओं के संदर्भ में उनके पेरेंट्स को जानकारियां उपलब्ध होंगी, इसके लिए एक पैनल बनाकर सभी तक सूचना व समाधान पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।
स्पेशल बच्चों के लिए समर्पित एक निशुल्क हेल्पलाइन की प्रदेश में होगी शुरुआत
इसी के अंतर्गत आने वाले समय में हेल्थ कैंप लगाई जाएगी जिससे इन सभी बच्चों और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य का अच्छी तरह से जांच हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्पेशल बच्चों के खेल हेतु स्पोर्ट्स सेंटर विकसित हो इसका लक्ष्य रखा गया है।
उत्तर प्रदेश में कम से कम 3 नए स्पोर्ट्स सेंटर जो स्पेशल बच्चों के खेल को डेडीकेटेड हो खोलने का लक्ष्य है। समिति ने यह भी लक्ष्य रखा है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिले में कम से कम 100 डेडीकेटेड सदस्य जो स्वयंसेवी हो।
आगामी 3 महीने में उत्तर प्रदेश के सभी बड़े कमिश्नरेट में जिला स्तर के खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चों का UDID रजिस्ट्रेशन हो इसका लक्ष्य भी रखा गया है।