वाराणसी के वॉलीबॉल खिलाड़ी श्रेयांश सिंह पूरा करना चाहते हैं किसान पिता के अधूरे सपने

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लखनऊ: भारत के लिए जूनियर एशियन चैंपियनशिप में खेल चुके वाराणसी के वॉलीबॉल खिलाड़ी श्रेयांश सिंह अपने किसान पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने में जुटे हैं। श्रेयांश के पिता प्रेम शंकर सिंह भी वॉलीबॉल खिलाड़ी थे और देश के लिए खेलने का सपना पालते थे लेकिन जिम्मेदारियों के दबाव और मौकों को अभाव में वे ऐसा नहीं कर सके।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 उत्तर प्रदेश 

वाराणसी के कोहासी गांव के निवासी श्रेयांश तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। बहनों की शादी हो चुकी है और परिवार की पूरी जिम्मेदारी किसान पिता पर है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के लिए खेलने वाले श्रेयांश के पिता शौकिया तौर पर वॉलीबॉल खेला करते थे। दिल में देश के लिए खेलने का सपना था लेकिन वह पूरा नहीं हो सका।

अपने पिता को खेलते देखने जाया करने वाले श्रेयांस को गांव से ही वालीबाल से प्यार हुआ और फिर वह आगे बढ़ते चले गए। आज श्रेयांश भी देश के लिए खेलना सपना रखते हैं और बड़ी तेजी से उस ओर बढ़ रहे हैं। श्रेयांस ने कहा,- पापा गांव में खेला करते थे। मैं उनके मैच देखने जाया करता था।

मुझे यह खेल अच्छा लगा। वहीं से मेरा इस खेल में इंटरेस्ट जगा। पापा आगे नहीं खेल सके लेकिन अब मैं उनके सपनों को पूरा करना चाहता हूं।

उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में दूसरी बार हिस्सा लेने जा रहे 23 साल के श्रेयांश ने बताया कि उन्होंने पहली बार 2011 में वॉलीबॉल के हाथ लगाया था। बकौल श्रेयांश,- 2011 में इस खेल में आने के बाद मैं लखनऊ स्थित गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज चला आया।

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साल 2018 तक मैं स्पोर्ट्स कॉलेज में ही था। इसी दौरान मैंने 2016 में जूनियर नेशनल खेला। श्रेयांस ने आगे कहा- लखनऊ से साई ने मुझे सेलेक्ट किया और फिर मैं 2019 में साई सेंटर राय बरेली चला गया। साल 2021 में मैं वहां से निकला।

इससे पहले, साल 2018 में मैंने जूनियर एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया, जिसका आयोजन जुलाई में बहरीन में हुआ था। वहां हमारी टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी और भारतीय खिलाड़ियों में मेरा परफॉर्मेंस सबसे बेहतर था।

चार बार आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स खेल चुके श्रेयांश ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बारे में कहा, -इसके जरिए लड़कों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में खिलाड़ियों को बेहतरीन फैसिलिटी मिलती है और इसी कारण वे आगे तक खेलने का सोचते हैं।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे आयोजनों के कारण गांव और कस्बों से भी खिलाड़ी आगे आ रहे हैं और खेल को अपने करियर के तौर पर चुन रहे हैं। भारत सरकार के इस फैसले के कारण ग्रासरूट स्तर की प्रतिभाओं को लाभ मिल रहा है।–

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण का आयोजन 23 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश के चार शहरों-लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर औऱ वाराणसी में हो रहा है।

केआईयूजी उत्तर प्रदेश 2022 में देश भर के विभिन्न संस्थानों से लगभग 4,000 एथलीट शामिल होंगे। अंडर-27 कैटेगरी में, 21 प्रकार के खेलों में सभी एथलीट्स पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। दिल्ली में शूटिंग इवेंट्स का आयोजन होगा और इन खेलों का आधिकारिक उद्घाटन 25 मई को होगा।

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