स्वदेशी जागरण मंच की आवाज़, बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों पर कसें शिकंजा

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लखनऊ, स्वदेशी जागरण मंच के अवध प्रांत संयोजक अमित कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी के आह्वान का स्वागत किया, जहाँ प्रधानमंत्री ने कहा है कि स्वदेशी उत्पादों की खरीद और बिक्री भी राष्ट्र की सच्ची सेवा है।

1991 से अपनी स्थापना के बाद से ही स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी अपनाने के लिए जनता में जागरूकता पैदा कर रहा है। मंच का दृढ़ विश्वास है कि हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है।

वैश्विक अनिश्चितताओं की वर्तमान परिस्थितियों में, जहाँ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं, भुगतान प्रणालियों और वैश्विक मुद्राओं को हथियार बनाया जा रहा है, अमरीका और अन्य देश अधिक से अधिक संरक्षणवादी बन रहे हैं

और टैरिफ दीवारों और अन्यायपूर्ण गैर-टैरिफ बाधाओं का उपयोग करके वैश्विक निर्यात को अवरुद्ध किया जा रहा है, कुछ देशों, विशेष रूप से चीन द्वारा अतिरिक्त क्षमताओं के आधार पर माल डंप किया जा रहा है, और हमारे विनिर्माण को खत्म करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

ऐसे में स्वदेशी राष्ट्रीय हितों की रक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है।अभियान को विस्तार से बताते हुए पुनः प्रांत संयोजक अमित कुमार सिंह ने कहा स्वदेशी जागरण मंच द्वारा बड़ी संख्या में व्यापारियों और विनिर्माण कंपनियों के संघों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 12 जून, 2025

को स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान की शुरुआत के साथ, स्वदेशी आंदोलन को फिर से गति दी गई है, जिसका उद्देश्य देश के कोने-कोने में भारत को पुनः महान बनाने (जिसे प्रधानमंत्री ‘मीगा’ यानि मेक इंडिया ग्रेट अगेन कहते हैं) के लिए जागरूकता पैदा करना है।

कुछ क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति, नीतिगत हस्तक्षेप और जनभागीदारी ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।

उदाहरण के लिए, स्थानीय कोविड वैक्सीन का आविष्कार और निर्माण करके, भारत न केवल अपने लाखों नागरिकों की जान बचा सका, बल्कि ग्लोबल साउथ की एक बड़ी आबादी

को बचाने में भी मदद कीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ने दुनिया को पहले ही चकित किया हुआ है, आत्मनिर्भर डिजिटलीकरण, अंतरिक्ष क्षेत्र और कई अन्य क्षेत्रों के हमारे अनुभव स्वदेशी की ताकत के जीवंत उदाहरण हैं।

स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक कुलदीप खरे ने कहा, चीन लंबे समय से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है, लेकिन यह रिश्ता लगातार एकतरफा और खतरनाक होता जा रहा है।

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा लगातार और वर्तमान में 99.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है, सस्ते और अक्सर घटिया सामान भारतीय बाजारों में प्रवेश कर रहे हैं, जो हमारे एमएसएमई को नुकसान पहुँचा रहे हैं, नौकरियों को नष्ट कर रहे हैं और घरेलू विनिर्माण र्माण क्षमता को कमजोर कर रहे हैं।

इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि चीन इस आर्थिक लाभ का उपयोग अपनी भू-राजनीतिक आक्रामकता को वित्तपोषित करने और बढ़ावा देने के लिए करता है

जैसा कि गलवान, डोकलाम और अन्य सीमा गतिरोधों में देखा गया है। प्रश्न यह है कि क्या हमें अपने सैनिकों के सीमा पर पहरा देने के बावजूद, अपने बटुए से दुश्मन को धन देना जारी रखना चाहिए?

पुनः अमित सिंह ने कहा, 21वीं सदी की ईस्ट इंडिया कंपनी सरीखे नए डिजिटल एकाधिकार अमेजन, वॉलमार्ट (फ्लिपकार्ट) और अन्य पश्चिमी ई-कॉमर्स दिग्गज ये प्लेटफॉर्म भारत के पारंपरिक खुदरा व्यापार को कमजोर करने, लाखों छोटे व्यापारियों को हाशिए पर डालने का काम कर रहे हैं।

ये केवल प्लेटफॉर्म नहीं हैं- ये डिजिटल साम्राज्य हैं जो नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हैं और अपनी एकाधिकारवादी महत्वाकांक्षाओं के पक्ष में नीतिगत बदलावों की पैरवी करते हैं।

स्वदेशी जागरण मंच में हम समझते हैं कि भारत को दुनिया के साथ जुड़ना चाहिए। लेकिन हम उस अविवेकी वैश्वीकरण को अस्वीकार करते हैं जो भारत को दूसरों के उत्पादों का बाजार बना देता है और हमारी अपनी उत्पादन क्षमता को नष्ट कर देता है।

मंच सरकार से ई-कॉमर्स दिग्गजों को विनियमित करने, उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे उत्पादों के भंडारण, शिकारी मूल्य निर्धारण और उनके पसंदीदा विक्रेताओं की प्रथा को रोकने और अपने स्वयं के लेबल वाले उत्पादों की बिक्री को रोकने का भी आह्वान करता है।

स्वदेशी जागरण मंच देश के प्रत्येक नागरिक से श्स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान करता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य हमारे भारत को फिर से महान बनाना है। इस कड़ी में 10 अगस्त को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित है।

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