संग्राम 1857 : प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में साइकिल अभियान 1 जनवरी से

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लखनऊ। भारतीय गणतंत्र के 75वें वर्ष में, यूपी एनसीसी निदेशालय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की याद में तथा उसमें शहीद सैनिकों और नागरिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए साइकिल अभियान चलाएगा। यह अभियान 1 जनवरी 2025 को मेरठ से शुरू होगा और 2000 किमी. की दूरी तय करते हुए 27 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में पूरा होगा।

यूपी एनसीसी निदेशालय करेगा आयोजन

उत्तर प्रदेश एनसीसी निदेशालय के अपर महानिदेशक (एडीजी) मेजर जनरल विक्रम कुमार ने इस बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि अभियान का शीर्षक ‘संग्राम 1857’ है, जिसका उद्देश्य अमृत काल में राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। इसका संदेश है “समर से समृद्धि की ओर”।

आगरा एनसीसी ग्रुप के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर एनएस चरग के नेतृत्व में अभियान दल में यूपी एनसीसी निदेशालय की पांच बालिका कैडेटों सहित 15 एनसीसी कैडेट हैं।

इस अभियान की एक जनवरी को मेरठ से शुरुआत होगी। ये बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा और मथुरा सहित 1857 संग्राम के सभी प्रमुख युद्धक्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए अंततः 27 जनवरी को नई दिल्ली में पूरा होगा।

मेरठ से होगी शुरुआत, 2000 किमी. की दूरी तय करेंगे साइकिलिस्ट

इस अभियान दल को 4 जनवरी 2025 को मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लखनऊ में हरी झंडी दिखाएंगे और 5 जनवरी 2025 को राजभवन से यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी। अभियान नई दिल्ली में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 की पीएम रैली में समाप्त होगा।

उन्होंने बताया कि 1857 में भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला व्यापक प्रतिरोध था। यह विद्रोह, जो 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के स्थानीय सैनिकों द्वारा पी-1857 ली एनफील्ड राइफल की शुरूआत के विरोध के रूप में शुरू हुआ था, और 10 मई 1857 को एक विद्रोह में बदल गया।

4 जनवरी को लखनऊ पहुंचेगा दल, 27 जनवरी को नई दिल्ली में समापन

यह संग्राम कोलोनियल शासन के खिलाफ कई सामाजिक-राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और सैन्य शिकायतों से प्रेरित था। विद्रोह मेरठ में शुरू हुआ, और जल्दी ही पूरे उत्तरी और मध्य भारत में फैल गया, खासकर दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी में – विद्रोह के अधिकांश केंद्र उत्तर प्रदेश राज्य में थे।

स्वतंत्रता आंदोलन ने 1857 में लड़ने वालों की बहादुरी और बलिदान से प्रेरणा ली, जिसके परिणामस्वरूप 90 साल लंबा संघर्ष हुआ और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। विद्रोह में मंगल पांडे, कुंवर सिंह, तात्या टोपे, नाना साहब, खान बख्त और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं।

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अपर महानिदेशक (एडीजी) मेजर जनरल विक्रम कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है, जो हमारे देश के युवाओं को देश के जिम्मेदार और देशभक्त नागरिक बनने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करता है।

यह कई तरीकों से नागरिक आबादी की धारणाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, सामुदायिक विकास में योगदान देता है और राष्ट्रीय मूल्यों को बढ़ावा देता है। देश के 17 एनसीसी निदेशालयों में से, यूपी एनसीसी निदेशालय सबसे बड़ा है, और उत्तर प्रदेश राज्य के सभी 76 जिलों में इसकी उपस्थिति है, जिसमें लगभग 1.7 लाख कैडेट हैं।

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