लखनऊ। शहर के युवा पत्रकार धीरेंद्र सिंह के यात्रा कहानी संग्रह ‘अल्बलुआ’ का विमोचन उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के प्रेमचंद सभागार में हुआ।
शुक्रवार को आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक आईएएस पवन कुमार, विशिष्ट अतिथि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक राकेश तिवारी, व्यंग्यकार अनूप मणि त्रिपाठी, लखनऊ यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मुकुल श्रीवास्तव ने किया।
यात्राएं हमें विनम्र व समावेशी बनातीं हैं : प्रो मुकुल श्रीवास्तव
समारोह की शुरुआत लेखक धीरेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत कर किया। समारोह में पुस्तक प्रकाशक अविलोम प्रकाशन मेरठ के सह-संपादक अभिनव चौहान मौजूद रहे। अनूप मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण यात्रा वृतांत है। पुस्तक कई धारणाओं को तोडती है।
इसके लेखक धीरेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के नई तस्वीर पेश की है। रोमांच, कौतूहूल व अनहोनी है। उनका यह पहला यह पहला प्रयास है, जो महत्वपूर्ण है। प्रो मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि एक ऐसे दौर में जब सारा साहित्य रील में सिमटा है और संवेदनाएं इमोजी में सिमटीं हैं। जब हम सिर्फ देखना और सुनना पसंद कर रहे हैं।
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लोगों ने पढना कम कर दिया है। ऐसे समय में यात्रा वृतांत की बेहद जरूरत है। क्योंकि यात्राएं हमें विनम्र व समावेशी बनातीं हैं। भारत को समझने को यह संग्रह महत्वपूर्ण है।
राकेश तिवारी ने कहा कि घुमक्कडी हमारे जींस में है। करीब पांच हजार वर्ष पहले ही हमने टिककर रहना सीखा है। इससे पहले हम घुमक्कडी प्रजाति में ही शुमार थे। जितना घुमेंगे उतनी ही इन स्थानों से संबद्धता बढेगी।
राहुल सांकृत्यान से बडा घुमक्कड नहीं हुआ। पवन कुमार सिंह ने कहा कि यात्रा महज स्थान परिवर्तन नहीं है। यात्रा एक से दूसरे स्थान के बीच अनुभवों का नाम है। हमें रील के दौर से आगे बढकर साहित्य को समझना होगा। अल्बलुआ पठनीय किताब है। इसके लेखक धीरेंद्र सिंह के दिल में शहर धडकता है।
हिंदी संस्थान के प्रेमचंद सभागार में अल्बलुआ यात्रा कहानी संग्रह का विमोचन
समारोह का संचालन वरिष्ठ उद्घोषिका बिन्दु जैन ने किया। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार दीप सिंह, धर्मेंद्र पांडेय, लेखक बंधु कुशावर्ती, रंगकर्मी सोनल ठाकुर, ऋषि मिश्र, ऋषि सिंह सेंगर, पत्रकार निधि मित्तल, पत्रकार आरफा, लेखक पत्रकार सुशील सीतापुरी, धीरेंद्र सिंह के पिता बैजनाथ सिंह, दिलीप सिंह, भाभी बबिता सिंह, पत्रकार अनुज टंडन सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।