पुजारा के पास अब क्या है विकल्प?

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फाइल फोटो : साभार सोशल मीडिया

एस एम अरशद/दिव्य नौटियाल

अभी हाल में ही भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी। पहले टेस्ट में टीम इंडिया को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी लेकिन दूसरे टेस्ट में गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने जीत दर्ज कर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली थी लेकिन इस दौरे पर भारत की बल्लेबाजी सवालों के घेरे में रही।

केएल राहुल और विराट कोहली को छोड़ दे तो अन्य बल्लेबाजों ने पूरी तरह से निराश किया था। टीम इंडिया का मध्यक्रम पूरी तरह से कमजोर लग रहा था। गिल और चेतेश्वर पुजारा जैसे क्रिकेटर छोटे फॉर्मेट के बादशाह है लेकिन असली क्रिकेट यानी टेस्ट क्रिकेट के लिए अभी इन्हें लंबा सफर तय करना है।

हालांकि बीसीसीआई ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के लिए दोनों को टीम में बरकरार रखा लेकिन पुजारा को लेकर बीसीसीआई ने तय कर लिया है वो अब आगे की देख रहा है। बीसीसीआई ने ऐसे में समय ये फैसला लिया है जब पुजारा इस वक्त अच्छी फॉर्म में नजर आ रहे हैं।

रणजी ट्रॉफी के पहले ही मुकाबले में झारखंड के खिलाफ पुजारा ने सौराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए नाबाद 243 रन की पारी खेलकर इस बात को बताना चाहा था कि अभी उनमें क्रिकेट बची हुई है। इस दौरान पुजारा ने 30 चौके लगाए थे।

उनकी पारी को देखकर पुराने पुजारा की याद ताजा हो गई थी लेकिन इसके बावजूद  चयनकर्ता का  दिल पिघला नहीं और उनको इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर रखने का फैसला किया है। बीसीसीआई के इस फैसले से ये भी लग रहा है कि शायद पुजारा की पारी अब खत्म हो गई और उनको आगे खेलने का शायद ही मौका मिले।

अनुभवी मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को टीम इंडिया की दीवार कहा जाता था लेकिन बीच में उनका बल्ला रनों के लिए तरसता हुआ नजर आया। इसका नतीजा ये हुआ उनको टीम से ही आउट कर दिया गया। भारत की तरफ से चेतेश्वर पुजारा ने 103 टेस्ट मैच खेले हैं और इस दौरान 7195 हैं।

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इस दिग्गज ने टेस्ट क्रिकेट में 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाये है लेकिन इतने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद वो टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है। हालांकि बीसीसीआई की सोच सही है कि वो अगला पुजारा खोज रहे हैं, जो युवा हो और आगे लंबी पारी खेल सके।

इस वजह  चयनकर्ता गिल और श्रेयस अय्यर पर भरोसा जता रहे हैं। इस वजह से रहाणे को भी टीम से बाहर रखा गया है लेकिन सवाल ये अगर युवा खिलाड़ी फेल हो जाते हैं तो क्या बीसीसीआई फिर से अनुभवी रहाणे और पुजारा की तरफ देखना चाहेंगा।

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