जब राष्ट्रपति भवन में मंत्रियों के बीच एक कप में दूध को लेकर असहज हुए थे संग्राम सिंह

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कॉमन वेल्थ विजेता रेसलर संग्राम सिंह, अपने खेल जगत की प्रसिद्धियों को लेकर, युवा खिलाड़ियों को उनकी जिंदगी में आगे बढ़ने के प्रोत्साहन को लेकर और आम-आदमी से लेकर भारत के लिये कुछ करने की नेक कोशिश को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं।

समाज के आर्थिक विकास और पर्यावरण के बचाव में आये दिन हो रहे अभियान में संग्राम सिंह हमेशा अपना अमूल्य योगदान देते रहते हैं। खेल के माध्यम से भारत और भारतवासियों से जुड़कर उनसे रूबरू होने के पल को संग्राम सिंह अपना सौभाग्य मानते हैं और सफलता का सारा श्रेय वो अपने माँ-बाप और गुरु को देते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि संग्राम सिंह को जीवन मे आगे बढ़ने की एक सबसे अद्भुत नसीहत हमारे राष्ट्रपति रह चुके स्वर्गीय श्री अब्दुल कलाम ने दी थी जब राष्ट्रपति आवास पर संग्राम सिंह और उनके साथी, कुछ ऐसी प्रक्रिया से असहज हुए ,जहा अब्दुल कलाम ने आकर उनकी हिम्मत बढ़ाई थी।

जब स्वर्गीय अब्दुल कलाम ने बढ़ाई थी संग्राम सिंह और उनकी टीम की हिम्मत 

संग्राम सिंह को अब्दुल कलाम जी से दो बार मिलने का मौका मिला था और इसे वो अपनी जिंदगी का बेहद खास अनुभव बताते हैं जिसे याद कर हाल ही में वो भावुक हो गए। संग्राम सिंह कहते है,” मुझे आज भी याद हैं ,एक बार प्रेजिडेंट हाउस में एक फंक्शन था तो वहाँ रेसलिंग की टीम गयी हुई थी,

हम वहां गए हुए थे ,उस वक़्त हम नए -नए थे,हमे इतना पता नही था ,हम गांव से गए हुए थे और राष्ट्रपति भवन में कप में गरम दूध पीते वक़्त होठों से जोर-जोर से आवाज़ आने लगी, जैसा अक्सर गरम चाय पीते वक़्त आती हैं। वहाँ पर मौजूद सभी शहरी बड़े लोग हमें अजीब से नजरों से देखने लगे।

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हमे बड़ा असहज लगा और तभी अब्दुल कलाम जी ने देखा कि हम थोड़े असहज महसूस कर रहे हैं उसी वक़्त वो हमारे करीब आये और कप की प्याली लेकर जोर से आवाज करके पीने लगे फिर हमें कहा कि आप लोग जैसे हो, वैसे ही रहो। किसी के सामने अपने हुनर को कम मत समझना।

आप तीन लोग,इस पार्टी का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हो और फिर उसके बाद हमें उन्होंने बताया कि कैसे जिंदगी में उन्होंने कभी हार नही मानी।”

संग्राम सिंह ने आगे बताया कि,” मुझे आज भी याद हैं उनकी बात, जिसने मुझे एक सीख दी थी कि ,”आप अपनी तुलना किसी से मत करो अगर आप ऐसे करोगे तो आप आगे बढ़ नही पाओगे ,दूसरों के लिए कृतघ्न भाव रखो और साथ ही जिंदगी में कभी हिम्मत मत हारो।”

मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे साल 2006 में खेल जगत में योगदान देने के लिए,इंडियन अचीवर अवार्ड उनके हाथों से दिया गया और साल 2019 में मुझे वर्ल्ड पीस ऑफ मैसेंजर का अवार्ड मिला,

जो सम्मान मैंने उन्हें डेडिकेट किया था मैं यही कहता हूं कि वो सबसे बड़े शांति प्रिय देवात्मा थे।इतना ही नही साधारण बनने के लिये असाधारण बनाना पड़ता हैं और वो ऐसे ही प्रतिभाशाली शक्सियत थे।”

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