लखनऊ। जल जीवन मिशन से प्रदेश की एफटीके प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं के कदम स्वावलंबन और सम्मान की राह पर बढ़ रहे हैं। सोमवार की सुबह एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं के लिए बेहद खास रही जब उनके मोबाइल पर डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि पहुंचने का मैसेज पहुंचा।
21 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाओं के खातों में 53 लाख से अधिक प्रोत्साहन राशि
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गोमतीनगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बटन दबाकर 21 हजार एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को 53 लाख से अधिक प्रोत्साहन राशि का वितरण किया।
4 लाख 80 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाओं को मिला जल गुणवत्ता जांच प्रशिक्षण
एफटीके महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की वितरण प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी। महिलाओं के खातों में प्रोत्साहन राशि पहुँचते ही उनके चेहरे खिलखिला उठे। कार्यक्रम में महिलाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया और पूरा प्रेक्षागृह इन ग्रामीण महिलाओं से खचाखच भरा रहा।
जल जांच कर रहीं ग्रामीण महिलाओं को जल शक्ति मंत्री ने दिया बड़ा तोहफा
कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि एफटीके प्रशिक्षित महिलाएं राष्ट्र के लिए जल के क्षेत्र में बड़ा काम कर रही हैं।
जब से ग्रामीण महिलाओं ने जल जांच का जिम्मा उठाया है तब से हर घर जल योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। गांव में पीने का पानी स्वच्छ और सुरक्षित रहे यह इन महिलाओं के कारण ही संभव हो पाया है। गोरखपुर में इंसेफलाइटिस बीमारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस बीमारी से किसी बच्चे की जान नहीं जाती है।
ग्रामीण महिलाएं व बेटियां लिख रहीं आत्मनिर्भरता की नई इबारत
गांव-गांव स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। यह सब कार्य प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी जी के कारण संभव हो पाया है।
उन्होंने महिलाओं कहा कि बहुत पुण्य का कार्य कर रही है अगर आपने एक बच्चे का जीवन बचा लिया तो आपके लिए स्वर्ग का रास्ता खुल जाएगा। कार्यक्रम में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह भी मौजूद रहे।
ग्रामीण महिलाएं कर रही गांव-गांव जल गुणवत्ता की जांच
प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की निरंतरता बनाये रखने के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, की ओर से जल जीवन मिशन ग्रामीण महिलाओं को जल गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण व FTK (फील्ड टेस्ट किट) का वितरण कर रहा है। प्रदेश की 4 लाख 80 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जल गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये महिलाएं गांव-गांव जल स्त्रो तों की जांच कर रहीं हैं।
ग्रामीण महिलाओं ने तालियां बजाकर मुख्यमंत्री योगी जी को जन्मदिन पर दी बधाई
जब मंच से जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जल जांच करने वाली ग्रामीण महिलाओं को बताया कि उन सबके लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आज जन्मदिन है तो सभी प्रेक्षागृह में मौजूद सभी महिलाओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजाकर मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि 2019 में राज्य में केवल 5 लाख नल कनेक्शन थे और चार साल में 1 करोड़ 21 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
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एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि वितरण
जल जीवन मिशन की योजना यूपी में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और वंचित वर्गों को आगे बढ़ाने का बड़ा कार्य कर रही है। इसके लिए ”पानी समितियों” में भी महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों का अनुपातिक प्रतिनिधित्व शामिल किया गया है।
अब यूपी में घरों के अंदर सिमटी, परदे और घूंघट तक सीमित रहने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। पानी की स्वच्छता को परखने का काम भी कर रही हैं। स्वच्छ पेयजल घर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह उनके हाथों में सौपा गया है। वो पानी की टंकियों की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। इन प्रयासों से गांव-गांव में कमजोर वर्गों में भी जिम्मेदार नेतृत्व तैयार हो रहा है।
महिलाएं बोली हर घर जल से बदली जिंदगी
जल जीवन मिशन से बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। मेरी जैसी तमाम महिलाएं एफटीके प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनी हैं।
अनीता देवी, मोहनलालगंजआज मेरे जैसी तमाम एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि मिली है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जी को धन्यवाद देती हूं।
लायबा बानो, निगोहास्वच्छ पेयजल को ग्रामीण घरों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह मेरी जैसी तमाम एफटीके महिलाओं के हाथों में सौपा गया है। हम पानी की टंकियों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
शिल्पी मोहनलालगंज