इंडिया के एंटी टबैको ब्रांड एंबेसडर और कॉमन वेल्थ गेम विजेता पहलवान संग्राम सिंह का देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्जा कितना मजबूत हैं वो हमेशा उनके कार्यों में झलकता रहता हैं।
जिस अखाड़े की मिट्टी को अपने तन से लगाकर संग्राम सिंह ने दुनिया जीती। उसी धरती मां को बचाने का जब–जब अभियान चलेगा, हरियाणा का ये सपूत हमेशा खड़ा रहेगा।
मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़े, सद्गुरु को बतायी अखाड़े में मिट्टी की उपयोगिता
जी हा, आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु के साथ मिलकर हाल में संग्राम सिंह ने मिट्टी बचाओ (save soil) अभियान के जरिए लोगों को ये संदेश दिया की मिट्टी से प्यार करो और उसे बचाओ, क्योंकि जो इस मिट्टी में छुपा हैं वो और किसी में नहीं। ये मिट्टी इंसान, पशुओं और पर्यावरण और इस पूरे ब्रह्मांड के लिए वरदान हैं। इसे प्यार करो और इसे बचाकर रखो।
सदगुरु के साथ अपने इस नेक सहयोग पर संग्राम सिंह कहते हैं,” सद्गुरु जी मुझे हमेशा से बहुत प्रभावित करते रहे हैं। दुनिया को अध्यात्म का पाठ पढ़ानेवाले और उन्हें जीवन की परिभाषा बतानेवाले 65 साल के सद्गुरु का जोश देखते बनता हैं। ये 75दिनों से भी ज्यादा तीस हजार किलोमीटर,20 से 22 देशों में बाइक पर यात्रा कर रहे हैं।
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इसके साथ मिट्टी बचाओ अभियान को प्रमोट कर रहे हैं। मुझे जब उनकी टीम से अप्रोच किया तो मैने तुरंत हामी भर दी और सद्गुरु को ये भी बताया कि ये अभियान बगैर अखाड़े में जाए पूरी नहीं होती क्योंकि अखाड़े की मिट्टी को हम मां समझते हैं और अखाड़े की मिट्टी तो इतनी शुद्ध होती हैं कि हम सब उसी से बड़े होते हैं।
हम उसमे तेल, हल्दी, घी डालते है। मैने सद्गुरु जी को भी अखाड़े की मिट्टी का महत्व समझाया । तो मुझे लगता हैं की अखाड़े में आकर इस अभियान का असल मकसद पूरा हो गया”।