लखनऊ। सीएसआईआर-एकीकृत कौशल पहल के चलते उन्नत स्पेक्ट्रोस्कोपिक (एनएमआर, एचपीएलसी, एलसी-एमएस, यूवी/आईआर) तकनीकों पर आठ सप्ताह के कौशल विकास पाठ्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में मंगलवार से हुई।
सीडीआरआई में उन्नत स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों में कौशल विकास पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू
आगामी 22 जुलाई तक संस्थान के परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरण सुविधा (सैफ) द्वारा आयोजित पाठ्यक्रम के स्वागत और परिचय सत्र में कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजीव के शुक्ला ने बताया कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य ऐसे मानव संसाधन को तैयार करना है।
जो उन्नत स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों से प्राप्त जानकारियों (डेटा) के संचालन, नियमित रखरखाव एवं उनके विश्लेषण में पारंगत हो। इस प्रशिक्षण के दौरान अत्याधुनिक उपकरणों जैसे एनएमआर, मास, एचपीएलसी, एफटी-आईआर, यूवी-विज़ की कार्यप्रणाली से प्रतिभागियों को अवगत कराया जाएगा।
प्रशिक्षण इन तकनीकों में बुनियादी और उन्नत प्रयोगात्मक विधियों पर सैद्धांतिक, व्यावहारिक प्रशिक्षण के बारे में ज्ञान प्रदान करेगा। इसके साथ ही औषधि अनुसंधान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण अणुओं की संरचनात्मक जानकारी को स्पष्ट करने पर समझ और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा।
डॉ. केवी. शशिधर (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, प्रमुख सैफ, सीएसआईआर-सीडीआरआई) ने कहा कि सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में एसएआईएफ (सैफ) की अवधारणा जैविक विज्ञान और रसायन के अनुसंधान क्षेत्र में लगे वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित हुई है।
यह विभिन्न विश्वविद्यालयों, सरकारी अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और उद्योग के शोधकर्ताओं को सहायता प्रदान करता है, जिनके पास ये महंगे और परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरण नहीं हैं। दूसरी ओर इस इंटरैक्टिव परिचयात्मक सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने विस्तार से चर्चा की कि वे इस पाठ्यक्रम के लिए क्यों रुचि रखते हैं। उनकी अपेक्षाएं क्या हैं और वे भविष्य में इस पाठ्यक्रम से प्राप्त ज्ञान का उपयोग कैसे करना चाहते हैं।
ये भी पढ़े : शोधार्थियों के लिए स्टैंड अप अगेंस्ट स्ट्रीट हैरेसमेंट पर दिया गया प्रशिक्षण
पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ.संजीव के.शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में- प्रभावी प्रशिक्षण के लिए छोटे बैच आकार (केवल 17 प्रतिभागी), लगभग 40 फीसदी थ्योरी और 60 फीसदी व्यावहारिक व्यावहारिक सत्र, बुनियादी सिद्धांतों और अनुप्रयोगों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मल्टीमीडिया सहायता के साथ व्याख्यान, विविध नमूने (सेंपल) तैयार करने की तकनीकों का प्रदर्शन, पाठ्यक्रम के अनुसार अत्याधुनिक परिष्कृत उपकरण पर व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र होगा।
इसके साथ ही पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद प्रतिभागियों का मूल्यांकन होगा और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। बताते चले कि सैफ, सीएसआईआर-सीडीआरआई पिछले 46 वर्षों से अधिक समय से विश्लेषणात्मक सेवाएं प्रदान कर रहा है तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार द्वारा सत्तर के दशक के मध्य में स्थापित ऐसी पहली चार सुविधाओं में से एक है।