रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर श्री कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में महिलाओं ने महादेव को राखी बांधकर अपनी रक्षा का आशिर्वाद लिया। शुक्रवार को चौक कोतवाली स्थिति कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर महादेव को महिलाओं ने राखी बांधी।
यह कार्यक्रम श्री कोतवालेश्वर महादेव मंदिर के महंत विशाल गौड़ के नेतृत्व में आयोजित किया गया। महंत विशाल गौड ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के बीच कर्तव्य के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भगवान ही सबके माता पिता, भाई, मित्र और पीड़ा हरने वाले होते हैं।
इस वर्ष से यहां मंदिर में महादेव को राखी बांधकर रक्षा का आशिर्वाद लेने की नयी परंपरा शुरु की गयी है। उन्होने बताया कथाओ के अनुसार देवों और दानवों के बीच युद्ध के दौरान इंद्राणी ने देवराज इंद्र की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे देवताओं की विजय हुई थी।
भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया था कि वे पाताल लोक में रहेंगे। देवी लक्ष्मी जो भगवान विष्णु के साथ नहीं रहना चाहती थीं, ने राजा बलि को राखी बांधकर उनसे अपने पति को वापस भेजने का अनुरोध किया। राजा बलि ने प्रसन्न होकर भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के साथ जाने की अनुमति दी।
महंत विशाल गौड़ ने बताया यह पर्व परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और स्नेह को मजबूत करता है। सभी को इसे श्रद्घा से मनाना चाहिए। महादेव ही अपने भक्तों की हम परेशानी में मदद करते हैं इसलिए महिलाओं ने उनको राखी बांधकर अपनी सुख समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद दिया है।