महिलाओं की चिंता राजनीति का केंद्र नहीं, संवेदना से जुड़ा मामला : स्वाती

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लखनऊ। यूपी सरकार के छह साल पूरे होने पर अंसल स्थित जीडी गोयनका स्कूल के परिसर में ‘स्वाती फाउंडेशन’ द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण का शिविर लगाया गया। इस अवसर पर विशिष्ठ लोगों को वामा सम्मान से सम्मानित किया गया।

यूपी सरकार के छह साल पूरे होने पर पूर्व मंत्री ने लगवाया शिविर

स्वाती फाउंडेशन द्वारा लगाये गये शिविर में एक हजार महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण का लक्ष्य था, लेकिन डेढ़ हजार से अधिक महिलाएं पहुंचीं।

चैत्र नवरात्र की सप्तमी पर लगे इस शिविर में महिलाओं के समूह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने कहा कि सामाजिक व्यवस्था में महिलाओं की सामान्य परेशानी जो महामारी का रूप ले लेती है, उसे स्वाती ने समझाए इसके लिए स्वाती का साधुवाद करता हूं।

इतनी संख्या में जो लोग आये हैं, उन्हें देखकर स्वाती के प्रति मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो गया। विनोद कुमार शाही ने कहा कि महिलाएं पैदाइशी अध्यापक होती हैं। अशिक्षित महिलाएं भी आपको वह शिक्षा दे सकती हैं, जो पीएचडी से भी नहीं मिल सकती।

शिविर में डेढ़ हजार महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण

यदि हम सिर्फ उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें तो वह सबकुछ दे सकती हैं, जो कहीं नहीं मिल सकता। जहां पिता अध्यापक हों, वहां तो बच्चे ठीक कर सकते हैं, लेकिन जहां महिलाएं अध्यापक हों, वहां बहुत ठीक.ठाक होगा।

स्वाती फाउंडेशन की अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर वक्त महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता करते हैं। प्रदेश में योगी सरकार के छह साल पूरे हुए हैं। इस कारण महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता कर यह इस शिविर का आयोजन किया गया है।

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स्वाती सिंह ने कहा कि एक नारी की वेदना क्या हो सकती है, इसे मैं बेहतर ढंग से जानती हूं। इस कारण हर वक्त जितना हो सके मैं महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता करती रहती हूं। आगे भी करती रहूंगी। यह मेरे लिए राजनीति का केंद्र नहीं है, यह समर्पण का भाव है। इसके लिए जो भी कर सकती हूं, वह मुझे कम लगता है।

सर्वाइकल कैंसर पर हर घर में की जानी चाहिए बात

उन्होंने कहा कि जब विधायक बनी तो स्वयं सेवी समूह की महिलाओं से मिली तो हमें लगा कि आज भी वही समस्या है, जो वर्षों पूर्व थीं। इसके बाद मैंने सोचा कि हमें सर्वाइकल कैंसर पर चर्चा हर घर में होनी चाहिए। इसके बाद मैंने जागरूक करने की बात ठान ली। यह मेरे मन की भावना थी, उसको लेकर मैं आगे बढ़ी और जागरूकता के लिए ठान लिया।

20 काउंटरों पर जांच के बाद दी जा रही थीं दवाएं

निःशुल्क जांच शिविर में 20 काउंटर लगे थे, जिस पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजिशियन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, पैथालाजी और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर महिलाओं की जांच और परामर्श के साथ ही दवाएं भी दे रहे थे। इसके साथ ही महिलाओं को एक स्वास्थ्य कीट भी वितरित किया गया।

जिसमें सेनेटरी पैड, दर्द निवारक दवाएं, क्रीम, थर्मामीटर, सन स्क्रीन क्रीम और गमछा उपलब्ध था। वहां उपस्थित लोगों के लिए भोजन की भी व्यवस्था थी। इस अवसर पर नीरज और उनकी टीम ने देवी गीत गाकर समां बांधा। वहीं मंच का संचालन विजय बहादुर सिंह ने किया।

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