विश्व जूनियर चैंपियन पार्थमाने ने 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में त्रिशूल शूटिंग रेंज पर शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। महाराष्ट्र के ही रुद्रांक्ष पाटिल ने रजत पदक अपने नाम किया, और सर्विसेज की ओर से खेल रहे किरन जाधव ने कांस्य पदक जीता।
17 वर्षीय पार्थमाने ने फाइनल के दौरान केवल एक सीरीज को छोड़कर शुरू से ही अपनी बढ़त बनाए रखी। अनुभवी निशानेबाजों की उपस्थिति के बावजूद, उन्होंने अपने आत्म विश्वास और धैर्य को बनाए रखा। 12वें और 14वें शॉट में 9.9 और 10.0 स्कोर करने के बावजूद, उन्होंने अगले 10 शॉट्स में से छह में 10.7 याउस से अधिक अंक अर्जित किए।
जब 20 शॉट्स के बाद रुद्रांक्ष पाटिल ने 0.6 अंकों के अंतर से उन्हें चुनौती दी, तो पार्थमाने ने दबाव में शानदार संयम दिखाया। रुद्रांक्ष पाटिल ने अपने आखिरी चार शॉट्स में 42.2 अंक हासिल किए, लेकिन पार्थमाने ने 42.4 अंकों के साथ प्रतिक्रिया दी, जिसमें 10.8 और 10.7 के प्रभावशाली शॉट्स शामिल थे।
पार्थ माने की उत्कृष्ट निशानेबाजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 252.6 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता, जो पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले स्कोर से 0.4 अंक अधिक था। जहां पार्थ माने ने पूरे फाइनल में निरंतर बढ़त बनाए रखी, वहीं रुद्रांक्ष पाटिल ने दबाव के क्षणों में अपने साहसिक प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित किया।
विश्व चैंपियनशिप 2022 में भारत के लिए ओलंपिक कोटा जीतने वाले रुद्रांक्ष पाटिल ने स्वीकार किया कि चौथे स्थान पर रहने का विचार उनके मन मंक आया था, लेकिन उन्होंने अपने ध्यान को केंद्रित रखते हुए प्रत्येक शॉट को बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया।
पंजाब के अर्जुन बबूता, जो 16 शॉट्स के बाद बढ़त की दौड़ में थे, कुछ 10.4 स्कोर के कारण चौथे स्थान पर रहे।वहीं, चौथे स्थान पर चल रहे किरन जाधव ने 20वें शॉट में दबाव में 10.8 अंक हासिल कर पेरिस 2024 ओलंपियन को पछाड़ते हुए कांस्य पदक जीता।
दिल्ली के पार्थमा खीजाने क्वालिफिकेशन में चौथा स्थान हासिल करने के बाद फाइनल में पांचवां स्थान प्राप्त किया। 2024 ओलंपिक में भाग लेने वाले सर्विसेज के संदीप सिंह छठे स्थान पर रहे, जबकि उनके टीम साथी संदीप सातवें स्थान पर रहे। 2018 के विश्व जूनियर चैंपियन असम के ह्रदय हजारिका शुरुआती दौर में संदीप की 9.8 स्कोरिंग के बाद मिले मौके का फायदा नहीं उठा सके।