यूनिटी कालेज में योग दिवस, हाकी खिलाड़ी मुमताज़ ख़ान भी रही मौजूद

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यूनिटी कालेज में पिछले 10 दिनों से चल रहे योग प्रशिक्षण श्वििर के समापन के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अति भानु प्रताप सिंह, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, अन्तर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी और एशिया कप महिला जूनियर हाकी की विजेता भरतीय हाकी टीम की सदस्य मुमताज़ खान और उनके परिवार के सदस्यगण सहित सम्मानित अतिथियों ने शिरकत की।

श्री भारती ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह और सुगंधित गुलदस्ते देकर सम्मानित किया। भारतीय हाकी टीम के उभरते सितारे मुमताज खान को प्यार का तोहफा मिला, जबकि प्रशिक्षक श्री रवि सिंह को उनके योगदान के लिए नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

छात्रों को अपने संबोधन में, सुश्री खान ने इस बात पर जोर दिया कि गरीबी सफलता के लिए बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उन्हें विशेष रूप से लड़कियों को, दृढ़ रहने, अपने माता-पिता पर विश्वास करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के नए अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।

श्री भानु प्रताप सिंह ने सावधानीपूर्वक योग प्रस्तुति के लिए छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए जोर देकर कहा कि प्रेम की भाषा धर्म, जाति और पंथ की बाधाओं को पार करते हुए लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने का सबसे शक्तिशाली साधन है।

मुख्य अतिथि की भावनाओं को प्रतिध्वनित करते हुए श्री रिजवी ने छात्रों को विनम्र, दयालु और दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने की सलाह दी।

उन्होंने उन्हें नियमित रूप से योग का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण पर इसके सकारात्मक प्रभाव और जीवन की पूर्ति को बढ़ाने की इसकी क्षमता विकसित करने पर जोर दिया।

इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि योग के लिए किसी औपचारिक परिसर या उपकरण की आवश्यकता नहीं है। कार्यक्रम की शुरूआत कुरान, गीता और बाइबिल की दिव्य व्याख्याओं के साथ हुई।

छात्रों ने सिंह, हल, सुख, बाल, वृक्ष और नटराज सहित विभिन्न योग आसनों में अपनी महारत का प्रदर्शन किया और खूब तालियां बटोरी। मनोरम प्रदर्शन सुबह के समय उनके समर्पित सप्ताह भर के अभ्यास का परिणाम था। सभी प्रतिभागियों को प्रशंसा के प्रतीक के रूप में भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

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सुश्री शबाना अहमद द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ अंतर्दृष्टिपूर्ण दिन का समापन हुआ, जिसमें जोर दिया गया कि योग का अभ्यास एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि विकास और आत्म-समझ की निरंतर यात्रा के रूप में जारी रहना चाहिए।

योग लोगों को उनकी अंतरात्मा से जोड़ता है, जागरूकता पैदा करता है और आंतरिक शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देता है।

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