लखनऊ। योगी सरकार ने गांव-गांव में आरेंज वर्दी वाले प्लंबरों की फोर्स उतार दी है। प्लंबरों की यह सेना अपने गांव की जलापूर्ति को बहाल करेगी। पानी की सप्लाई बाधित होने पर गांव वालों को अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्लंबर को बाहर से भी नहीं बुलाना पड़ेगा।
राज्य सरकार ने तैनात की आरेंज वर्दी वाले प्लंबरों की सेना
उनके ही गांव में तैनात आरेंज वर्दी पहने प्लंबर समस्या को झटपट दूर कर पानी सप्लाई को चालू कराएगा। राज्य सरकार के निर्देश पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के साथ-साथ पाइप लाइनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए गांव-गांव में ऑरेंज फोर्स की तैनाती की है।
वर्दी और साजोसामान के साथ तैयार इस ऑरेंज फोर्स में गांव के युवाओं को प्लंबर कार्य का प्रशिक्षिण दिया गया है। जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना के तहत राज्य में कुल 1 लाख 16 हजार से अधिक युवा प्लंबर कार्य के लिए प्रशिक्षित किये गये हैं।
गांव में ही उपलब्ध होंगे प्लंबर, झटपट चालू होगी पानी की सप्लाई
इनकी तैनाती इनके अपने ही गांव में की गई है। इन प्लंबरों का कार्य गांव में पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना और गांव में पानी सप्लाई में किसी भी प्रकार का अवरोध आने पर उसे तत्काल ठीक करना भी है। घर-घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाने में मददगार बनने वाले प्रशिक्षित प्लंबरों को अपने गांव में ही काम करके निश्चित आय भी प्राप्त होगी।
पाइप लाइनों की मरम्मत और रखरखाव पर भी सरकार का जोर
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन में काम कर रही कम्पनियों को गांव-गांव में प्रशिक्षित प्लंबरों को अपने साथ जोड़कर उनको रोजगार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। बता दें कि राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत से 2 युवाओं को प्लंबर कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में 2 युवाओं को प्लंबर का प्रशिक्षण, 1 लाख 16 हजार से अधिक प्रशिक्षित
जल जीवन मिशन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक घर तक पाइप लाइन जानी है, टोंटी लगनी है। सप्लाई में कोई परेशानी आने पर प्लंबर उसे दुरुस्त करने का काम करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका है।
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इन जिलों में सर्वाधिक प्लंबरों की तैनाती
आजमगढ़ में 3379, जौनपुर में 3296, सीतापुर में 3199 प्लंबरों की तैनाती ग्राम पंचायतों में की गई है। गोरखपुर में 2892, हरदोई में 2646, गाजीपुर में 2451, गोण्डा में 2415, बस्ती में 2370, बरेली में 2386, बाराबंकी में 2299, बहराइच में 2069, बिजनौर में 2246, बदायूं में 2076, देवरिया में 2370, प्रतापगढ़ में 2444, शाहजहांपुर में 2149, सिद्धार्थनगर में 2272, उन्नाव में 2080, लखीमपुर खीरी में 2325 प्लंबरों की ग्राम पंचायतों में तैनाती की गई है।
प्लंबर टूल किट
- 300 एमएम का पाइप
- 150 एमएम का हैक्सा फ्रेम (आरी ब्लेड)
- 250 एमएम का वाटर पम्प पिलर
- 300 से 500 ग्राम का हथौड़ा
- 16 एमएम का छेनी
- एक चिपकाने वाला टेप
प्लंबर का कार्य
- विभिन्न सेनेटरी फिक्सचर एवं फिटिंग को इंस्टॉल करना और उनकी मरम्मत
- पाइपों की कटाई, थ्रेडिंग, ज्वाइनिंग
- पाइप लाइन की फिटिंग, फिक्सिंग और बिछाने का कार्य
- बेकार पाइप लाइन की मरम्मत
- जल वितरण के लिए पाइप लाइन सर्किट बनाना
- कॉक्स और वॉल्व को ठीक करना
गांव-गांव में तैनात प्लंबर जल जीवन मिशन के पहरेदार होंगे। इनकी व्यवस्था इसलिए की गई है कि ग्रामवासियों को पानी सप्लाई में किसी प्रकार की समस्या आने पर उसको तत्काल सही कराया जाए। प्लंबरों को न्यूनतम निश्चित आय प्राप्त हो सके इसपर भी हम विचार कर रहे हैं। गांव में तैनात प्लंबर गांव की अर्थव्यवस्था और रोजगार के भी अभिन्न अंग होंगे।
-(स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री, उत्तर प्रदेश)