वेब पोर्टल के जरिए प्रभावी ढंग से नागरिक केंद्रित सेवाएं देने पर योगी सरकार का फोकस

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार प्रदेश के सभी नागरिकों को उच्च नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रभावी ढंग से प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्रम में, योगी सरकार द्वारा वेब पोर्टल का विकास कर उन्हें इन सहूलियतों के साथ ही आधुनिक तकनीक से लैस करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।

सीएम की मंशा अनुरूप, यूपीएसआरटीसी के वेब पोर्टल को आधुनिक सुविधओं से लैस

ऐसे में, सीएम की मंशा अनुरूप, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के वेब पोर्टल के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूपीएसआरटीसी के पोर्टल की विकास प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को जिम्मा सौंपा गया है।

यात्रियों को बेहतर सुविधाएं के लिए वेब पोर्टल के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन की कार्रवाई शुरू

यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) द्वारा इस प्रक्रिया को पहले से इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर कंपनियों को कार्यभार सौंपकर विकास प्रक्रिया पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यूपीएलसी राज्य के सभी सरकारी विभागों को आईटी/आईटीईएस समाधान प्रदान करने के लिए नियुक्त नोडल एजेंसी है।

पोर्टल विकास प्रक्रिया पूरा करने के लिए यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को जिम्मा

राज्य सरकार के आईटी सॉल्यूशंस का एक मुख्य उद्देश्य सरकारी प्रणालियों का त्वरित, पारदर्शी, जवाबदेह और कुशल संचालन और सेवाओं का वितरण प्रदान करना है तथा इस क्रम में यूपीएलसी लगातार अपनी कुशल सेवाएं प्रदान कर रहा है।

सभी रूटों पर बसों के संचालन की समयसारिणी होगी उपलब्ध

सीएम योगी के विजन अनुसार यूपीएसआरटीसी में प्रशासनिक व सेवा वितरण चैनल के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी सक्षम ढांचे के भीतर एक स्थायी डेटा आधारित इकोसिस्टम विकसित किए जाने पर फोकस किया जा रहा है। यात्रियों को सभी मार्गों पर चलने वाली बसों की समयसारिणी आसानी और सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित किया जाएगा।

पहले से इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर कंपनियों को विकास प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए सौंपा जाएगा कार्यभार

इससे किसी विशेष समय या स्थान पर वाहनों की भीड़ न हो और सभी मार्गों पर यात्रियों को नियमित अंतराल पर निगम की बस की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यात्री उपलब्धता के आधार पर मार्ग पर वाहनों का परिचालन का ऑनलाइन प्रणाली से मॉनिटरिंग संभव होगा।

निगम की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार वाहन श्रेणी की आवश्यकता का अध्ययन करने के लिए ऑनलाइन सर्वेक्षण भी वेब पोर्टल द्वारा हो सकेगा।

संचालित बसों के रखरखाव की स्थिति के अनुसार ऑनलाइन ‘बस हेल्थ सिस्टम’ और नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता सेवा प्रदान करने के लिए स्वचालित प्रणाली के माध्यम से ‘स्मार्ट बस रेटिंग सिस्टम’ प्रदान करने जैसी सुविधा भी वेब पोर्टल के विकास के दौरान जोड़ी जाएगी।

आपातकालीन अधिसूचना प्रणाली से लैस करने की प्रक्रिया होगी पूरी

यूपीएसआरटीसी के पोर्टल को जिन आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जाने के लिए यूपीएलसी द्वारा इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर एजेंसी को कार्यभार सौंपा जाएगा उसमें आपातकालीन व्यवस्था के लिए ऑनलाइन प्रणाली और आपातकालीन/ब्रेक डाउन की स्थिति में यात्रियों के लिए आपातकालीन अधिसूचना प्रणाली का विकास भी प्रमुख है।

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यात्रियों को पुरस्कार कार्यक्रम का लाभ प्रदान करने तथा मौजूदा ऑनलाइन टिकटिंग मॉड्यूल में पुन: डिज़ाइन/नवीनीकरण कार्य को पूर्ण करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, एएफसीएस (वार्षिक किराया गणना प्रणाली) के साथ एकीकरण, एवीएलएस (वार्षिक वाहन गणना प्रणाली) के साथ एकीकरण तथा अन्य विक्रेताओं के प्लेटफार्म के साथ एकीकरण बल्क एसएमएस भुगतान गेटवे जैसी सुविधाओं से पोर्टल को लैस किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त एक वर्ष तक पोर्टल का संचालन, रखरखाव, सुरक्षा ऑडिट, क्लाउड सर्वर सेटअप, एप्लिकेशन की होस्टिंग, हेल्पडेस्क सहायता व प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

फैक्टर मीटर

  • 01 सेंट्रल ऑफिस से संचालित होती है यूपीएसआरटीसी की कार्यप्रणाली
  • 20 रीजनल ऑफिस से किया जाता है यूपीएसआरटीसी द्वारा कार्यों को संचालित
  • 115- डिपो प्रीमाइसिस के जरिए यूपीएसआरटीसी करता है कार्यों को निष्पादित
  • 11485 से ज्यादा ऑपरेशनल फ्लीट्स का यूपीएसआरटीसी द्वारा किया जा रहा है संचालन

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